11 सितंबर, 2023, कोलकाता
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता (अटारी, कोलकाता) ने स्वामी विवेकानन्द के शिकागो विश्व धर्म संसद संबोधन की 130वीं वर्षगांठ के अवसर पर “स्वामी के दर्शन के माध्यम से अमृत काल के लिए कृषि-विस्तार दृष्टिकोण” पर आज एक संवादात्मक बैठक का आयोजन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, डॉ. मानस अधिकारी, कुलपति, बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय ने आज की कृषि-विस्तार में स्वामी जी की प्रासंगिकता को याद किया।
डॉ. प्रदीप डे, संस्थान के निदेशक ने स्वामी जी के विचारों और कृषि-विस्तार शिक्षा में इसकी प्रासंगिकता को जोड़ते हुए एक पावर प्वाइंट द्वारा प्रस्तुति दी। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द की सबसे दूरदर्शी टिप्पणी "हमारा मिशन निराश्रितों, गरीबों और अशिक्षित किसानों और श्रमिक वर्गों के लिए है" को उद्धृत किया। डॉ. डे ने याद दिलाया कि स्वामी जी ने विकास और समुदायों में बदलाव के लिए "सुधार" शब्द को चुना। उन्होंने अमृत काल 2047 तक राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों के लिए परिकल्पित परिवर्तनों की रूपरेखा भी प्रस्तुत की।
बैठक में संस्थान के सभी वैज्ञानिकों/ अधिकारियों और परियोजना कर्मचारियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें