नेपाली प्रतिनिधिमंडल ने भाकृअनुप-आईएआरआई का किया दौरा

नेपाली प्रतिनिधिमंडल ने भाकृअनुप-आईएआरआई का किया दौरा

1 मई, 2025, नई दिल्ली

नेपाल के एक उच्चस्तरीय मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) का दौरा किया, जिसका उद्देश्य पहाड़ी कृषि पर विशेष ध्यान देते हुए कृषि उत्पादकता बढ़ाने में सहयोग को बढ़ावा देना तथा अनुभव साझा करना था।

Nepalese Delegation Visits ICAR-IARI

भाकृअनुप-आईएआरआई के निदेशक और कुलपति, डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव ने भारत और नेपाल के बीच मजबूत भौगोलिक तथा कृषि संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों राष्ट्र जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं तथा कीटों के संक्रमण जैसी आम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, ऐसे मुद्दे जिनके लिए प्रौद्योगिकी साझाकरण और नीति समर्थन के माध्यम से एकीकृत प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कृषि निर्यात के अलावा देश की खाद्य जरूरतों को पूरा करने में संस्थान की उपलब्धियों और योगदान पर जोर दिया। डॉ. राव ने किसानों को नई तकनीकों से परिचित कराने, कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देने और अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अनुसंधान, विस्तार सेवाओं और क्षमता निर्माण में दीर्घकालिक सहयोग सुनिश्चित करने के लिए भाकृअनुप-आईएआरआई और नेपाली कृषि विश्वविद्यालयों के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) तैयार करने का प्रस्ताव रखा।

नेपाल के सुदूरपश्चिम प्रांत के मुख्यमंत्री, श्री कमल बहादुर शाह ने खाद्य सुरक्षा और तकनीकी उन्नति में भाकृअनुप-आईएआरआई के योगदान की गहरी सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्थान के नवोन्मेषी मॉडल और वैज्ञानिक अभ्यास नेपाल के लिए मूल्यवान संदर्भ के रूप में काम कर सकते हैं, खासकर इसके पहाड़ी और दूरदराज के क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता में सुधार करने में।

Nepalese Delegation Visits ICAR-IARI

श्री शाह ने नेपाल की मौजूदा कृषि चुनौतियों को रेखांकित किया और क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और नीति सहयोग में भारत के समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आईएआरआई के साथ भविष्य की साझेदारी में गहरी रुचि व्यक्त की, फसल की पैदावार में सुधार और बदलती जलवायु तथा खेती की स्थितियों के अनुकूल होने के लिए एक साझा दृष्टिकोण को रेखांकित किया।

आईएआरआई के संयुक्त निदेशक (विस्तार), डॉ. आर.एन. पडारिया ने हरित क्रांति में संस्थान की ऐतिहासिक भूमिका पर प्रकाश डाला, जिसने भारत को खाद्य-सुरक्षित राष्ट्र में बदल दिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)

×