3 नवंबर, 2023, अजमेर
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज यहां भाकृअनुप-राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीएसएस) अजमेर का दौरा किया। उन्होंने बीज मसालों के अनुसंधान एवं विकास के बारे में बात की।
डॉ. पाठक ने बीज प्रसंस्करण इकाई की आधारशिला रखी और बीज मसाला सेल्फी प्वाइंट का उद्घाटन किया। बीज मसाला प्रसंस्करण इकाई एक टन प्रति घंटे की प्रसंस्करण क्षमता का दावा करती है, जिसे विशेष रूप से किसानों के लाभ के लिए बीज मसालों की रोपण सामग्री की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
महानिदेशक ने "बीज मसाला सांख्यिकी और राजस्थान तथा गुजरात के मानचित्र" नामक एक पुस्तक भी जारी की, जो भाकृअनुप-एनआरसीएसएस, अजमेर और भाकृअनुप-एनबीएसएस तथा एलयूपी, नागपुर के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है, जो इन दो प्रमुख बीज मसाला उत्पादक राज्यों के बीज मसाला उत्पादन पर प्रकाश डालता है।
उन्होंने क्रायो-ग्राइंडिंग तकनीक और बीज मसाला उत्पाद जैसी तकनीक भी पेश की, जिनकी लाइसेंसिंग प्रक्रिया में है।
डॉ. सुधाकर पांडे, सहायक महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), डॉ. डी.के. यादव, सहायक महानिदेशक (बीज), डॉ. जगदीश राणे, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएच और श्री. जी.पी. शर्मा, संयुक्त सचिव, वित्त, भाकृअनुप भी महानिदेशक के साथ थे।
डॉ. यादव ने उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री की अनिवार्यता को रेखांकित किया।
इससे पहले, भाकृअनुप-एनआरसीएसएस के निदेशक, डॉ. विनय भारद्वाज ने केन्द्र की उपलब्धियों, अनुसंधान एवं विकास पहलों का अवलोकन प्रस्तुत किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र, अजमेर)
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