मेगा किसान मेला-सह-प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

मेगा किसान मेला-सह-प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

24-25 सितंबर, 2025, असम

भाकृअनुप-औषधीय एवं सुगंधित पादप अनुसंधान निदेशालय, आणंद ने पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र के अंतर्गत भाकृअनुप-केन्द्रीय रोपण फसल अनुसंधान, अनुसंधान केन्द्र, काही कुची, गुवाहाटी में दो दिवसीय मेगा किसान मेला-सह-प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

यह कार्यक्रम भाकृअनुप-केन्द्रीय रोपण फसल अनुसंधान, कासरगोड, भाकृअनुप-पुष्पकृषि अनुसंधान निदेशालय, पुणे; भाकृअनुप-भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान, कोझीकोड तथा असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था ताकि पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र के किसानों को विभिन्न बागवानी तकनीकों के बारे में जागरूक एवं क्षमता विकास के माध्यम से सामुदायिक सशक्तिकरण किया जा सके।

मुख्य अतिथि, डॉ. के.वी. प्रसाद, निदेशक, भाकृअनुप-डीएफआर, पुणे ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र में पुष्प फसलों एवं औषधीय तथा सुगंधित पौधों की खेती के पहलुओं के साथ-साथ व्यावसायिक अवसरों पर जोर दिया।

डॉ. वी.के. गुप्ता, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय सूअर अनुसंधान केन्द्र, गुवाहाटी; डॉ. एस. हजारिका, निदेशक, भाकृअनुप-पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र अनुसंधान परिसर, उमियम; श्री के.के. बोरा, राज्य संगठन सचिव, किसान संघ मंच; श्री लोकेन दास, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, गुवाहाटी; डॉ. महेश्वरप्पा एच. पी., प्रधान वैज्ञानिक, भाकृअनुप-सीपीसीआरआई, कासरगोड और डॉ. प्रदीप महंत, मुख्य वैज्ञानिक, बागवानी अनुसंधान केन्द्र, एएयू, गुवाहाटी ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।

इस अवसर पर डॉ. मनीष दास, निदेशक, भाकृअनुप-डीएमएपीआर, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इससे पहले, डॉ. दास ने हमारे देश में पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के महत्व पर जानकारी दी और किसानों को औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र में मसालों/बागानों/फूलों की फसलों की खेती की संभावनाओं पर भी जोर दिया और उन्हें भाकृअनुप-डीएमएपीआर, आणंद, गुजरात से हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया। 

औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती में उनके योगदान के लिए पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र के पाँच प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया गया।

Mega Kisan Mela-cum-Training & Awareness Programme Organised

समारोह में, मुख्य अतिथि, श्री के.के. बोरा, राज्य संगठन सचिव, किसान संघ मंच, असम ने पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र में जैव विविधता की समृद्धि, विशेष रूप से एमएपी/मसालों/बागानों/फूलों की फसलों के साथ-साथ बागवानी क्षेत्र के विकास में पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र के किसानों के योगदान की क्षमता पर ज़ोर दिया।

दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, भाकृअनुप-डीएमएपीआर, आणंद; भाकृअनुप-सीपीसीआरआई, आरसी, गुवाहाटी; भाकृअनुप-डीएफआर, पुणे; एएयू एचआरएस, गुवाहाटी; भाकृअनुप-एनआरसी पिग; एमएपी/मसाले/पुष्पकृषि पर एआईसीआरपी के वैज्ञानिक भी संसाधन व्यक्तियों के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।

किसानों को औषधीय एवं सुगंधित पौधों, फूलों की फसलों, बागानों की फसलों और मसालों की विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र के स्टार्ट-अप्स ने भी किसानों के समक्ष अपने उत्पादों और विचारों का प्रदर्शन किया।

इस कार्यक्रम में आस-पास के गाँवों के कुल 1100 पूर्वोत्तर पर्वतीय किसान लाभार्थी थे, जिनमें से 700 महिला किसान थीं। किसानों को औषधीय एवं सुगंधित पौधों, पुष्प फसलों और रोपण फसलों के लिए इनपुट, बीज और गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री भी वितरित की गई।

(स्रोत: भाकृअनुप-औषधीय एवं सुगंधित पौधा निदेशालय, आणंद, गुजरात)

×