23- 24 दिसंबर, 2023, क्योंझर
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने केवीके, क्योंझर का दौरा किया और किसान सम्मान दिवस तथा किसान-वैज्ञानिक बातचीत कार्यक्रम के उत्सव के दौरान किसानों को सम्मानित किया। उनके साथ श्री मोहन चरण माझी, सदस्य, विधान सभा, क्योंझर भी थे।
केन्द्रीय मंत्री ने विशेष रूप से वर्षा आधारित स्थितियों में कृषि की चुनौतियों तथा केवीके की बढ़ती जिम्मेदारियों पर जोर दिया। उन्होंने आह्वान किया कि केवीके क्योंझर, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता और ओयूएटी, भुवनेश्वर के मार्गदर्शन के साथ, ग्रामीण समुदायों की आजीविका में सुधार एवं सतत कृषि विकास को बढ़ावा देने वाले इन मुद्दों को संबोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। केन्द्रीय मंत्री ने किसानों द्वारा अपने परिवारों के भरण-पोषण तथा राष्ट्रीय संपत्ति को बढ़ावा देने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कृषि ड्रोन और किसान-अनुकूल योजनाओं जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर जोर दिया तथा कृषक समुदाय से सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं जैसे विकसित भारत संकल्प अभियान का लाभ उठाने का आग्रह किया।
इससे पहले, केन्द्रीय मंत्री ने केवीके के विभिन्न प्रदर्शनों का दौरा किया। उन्होंने प्राकृतिक खेती के लिए श्री श्याम सुंदर महंत, मशरूम उत्पादन के लिए सबूज बनानी महिला एफपीओ और दस प्रगतिशील किसानों तथा कृषक महिलाओं को भी सम्मानित किया। इसके अलावा 23 तारीख की शाम को, श्री मुंडा ने क्षेत्र के बेहतर कृषि-उत्पादन के लिए केवीके की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की।
श्री माझी ने किसानों तथा आम जनता की समृद्धि के लिए केन्द्र सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने केवीके की उपलब्धियों एवं कृषि पद्धतियों को आगे बढ़ाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।
डॉ. डे ने अमृत काल के दौरान भाकृअनुप द्वारा विभिन्न दूरस्थ स्थानों में अनुसंधान एवं विकास परिदृश्य को ऊंचा उठाने के लिए किए गए रणनीतिक उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आजीविका में वृद्धि, ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और युवाओं को नौकरी खोजने वालों से रोजगार प्रदाताओं में बदलने के लिए केवीके की भूमिका पर जोर दिया।
भाकृअनुप-एनआरआरआई के निदेशक, डॉ. एके नायक ने मयूरभंज, कोरापुट, कंधमाल और कालाहांडी के आदिवासी किसानों के लिए 180 किस्मों, 4एस$आर मॉडल और एआरओआरआईसीई मॉडल सहित एनआरआरआई की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
ओयूएटी के विस्तार डीन, डॉ. प्रसन्नजीत मिश्रा ने ओयूएटी एवं प्रशिक्षण, प्रदर्शन और सलाहकार सेवाओं के माध्यम से किसानों के लिए उनके योगदान के बारे में जानकारी दी।
एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई जहां केवीके, क्योंझर द्वारा प्रचारित की जा रही विभिन्न प्रौद्योगिकियों और स्थानीय बाजरा व्यंजनों सहित एफपीसी/ एफपीओ के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।
कार्यक्रम में 500 से अधिक किसान, एफपीओ/ एफपीसी के प्रतिनिधि, अधिकारी, मीडिया कर्मी और प्रदर्शक एकत्र हुए।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता और भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक)
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