15 जून, 2025, नागपुर
मुंबई में जापान के महावाणिज्य दूत श्री यागी कोजी ने भाकृअनुप-केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान, नागपुर का दौरा किया, जो सिट्रस अनुसंधान एवं टिकाऊ कृषि में भारत-जापान सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भाकृअनुप-सीसीआरआई के निदेशक, डॉ. दिलीप घोष ने अपने संबोधन में, सिट्रस उत्पादकों के सामने आने वाली चुनौतियों, विशेष रूप से रोग प्रतिरोधक, जलवायु लचीलापन और उन्नत प्रौद्योगिकियों के समाधान के लिए वैश्विक भागीदारी की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने क्षेत्र में सिट्रस की खेती के सामाजिक-आर्थिक महत्व और विज्ञान-आधारित पहलों के माध्यम से किसान सशक्तिकरण में संस्थान के योगदान पर भी जोर दिया।
एक वीडियो प्रस्तुति ने संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों और पूरे भारत में सिट्रस विकास, गिरावट प्रबंधन और किसान-केन्द्रित नवाचारों में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
यात्रा का मुख्य आकर्षण भाकृअनुप-सीसीआरआई के वैज्ञानिकों और सिट्रस उत्पादक किसानों के बीच एक संवादात्मक सत्र था। संवाद में साझा चुनौतियों, उभरती प्रौद्योगिकियों और जलवायु-स्मार्ट कृषि, सटीक खेती और जापानी स्टार्ट-अप के साथ साझेदारी में सहयोग के अवसरों पर ध्यान केन्द्रित किया गया।

यात्रा भाकृअनुप-सीसीआरआई की नर्सरी और प्रायोगिक क्षेत्रों के दौरे के साथ समाप्त हुई, जिसमें सटीक सिट्रस खेती के लिए सेंसर-आधारित ड्रिप सिंचाई और उप-सतही सिंचाई प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया।
यह यात्रा स्थायी सिट्रस खेती और कृषि नवाचार में एक मजबूत भारत-जापान साझेदारी की दिशा में एक आशाजनक शुरुआत थी।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान, नागपुर)
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