भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

7 जून 2023, लखनऊ

भाकृअनुप-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज (एनबीएफजीआर), लखनऊ ने उत्तर प्रदेश की राजकीय मछली 'चीतला चीतला' (क्लाउन नाइफफिश) को नदियों और ओमपोक बिमाकुलटस (पबडा/ बटर कैटफिश) राज्य में खेती के लिए सशक्त प्रजातियों के रूप में स्टॉक करने की सुविधा के लिए आज मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

ICAR-NBFGR-signed-remarkable-MoU-Fisheries-Department-02.jpg

भाकृअनुप-एनबीएफजीआर तकनीकी सहायता तथा मार्गदर्शन प्रदान करेगा और राज्य की नदियों में नियमित जीवपालन के लिए मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार को चीतला की फिंगरलिंग्स की आपूर्ति की सुविधा प्रदान करेगा।

ICAR-NBFGR-signed-remarkable-MoU-Fisheries-Department-01.jpg

समारोह के दौरान डॉ. संजय कुमार निषाद, मत्स्य पालन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार; डॉ. रजनीश दुबे, भारतीय प्रशासनिक सेवा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार; श्री रमाकांत निषाद, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास निगम उपस्थित थे।

समझौता ज्ञापन पर डॉ. यू.के. सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर तथा श्री प्रशांत शर्मा, भारतीय प्रशासनिक सेवा, निदेशक, मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने-अपने संगठनों की ओर से हस्ताक्षर किए।

आईयूसीएन सूची 2010 के अनुसार, चीताला को "खतरे के करीब" स्थिति के रूप में वर्गीकृत किया गया था। उत्तर प्रदेश की नदियों में चितला की आबादी को नियमित जीवपालन के माध्यम से संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। इसलिए मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार अगले दस वर्षों के लिए प्रदेश में चीताला की नदी में जीवपालन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ)

×