27 सितंबर, 2025, चेन्नई
भाकृअनुप-केन्द्रीय खारा जल कृषि संस्थान ने राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड और एशियाई मत्स्य पालन सोसायटी (एएफएस) के मत्स्य स्वास्थ्य अनुभाग के सहयोग से, 23-27 सितंबर, 2025 तक चेन्नई में एशियाई जलीय कृषि में रोगों पर 12वीं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (डीएए'12) का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
श्री के.सी. देवसेनापति, सचिव, आईएए, तटीय जलीय कृषि प्राधिकरण (सीएए), भारत सरकार, ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और झींगा किसानों के साथ बातचीत की। सीएए, एमपीआडीए और एनएफडीबी के संस्थागत समर्थन पर प्रकाश डाला गया, जबकि किसानों ने जलीय रोगों की रोकथाम एवं प्रबंधन में अपने अनुभव और सफलता की कहानियाँ साझा कीं।
संगोष्ठी का वर्चुअल उद्घाटन, श्री जॉर्ज कुरियन, केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री, ने डॉ. जयकृष्ण जेना, उप-महानिदेशक (मत्स्य पालन), भाकृअनुप; डॉ. एन. सुब्बायन, सचिव, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन एवं पशुपालन विभाग, तमिलनाडु सरकार; डॉ. कुआ बेंग चू, अध्यक्ष, एएफएस-एफएचएस; डॉ. बिजय कुमार बेहरा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एनएफडीबी; और एवं डॉ. कुलदीप के. लाल, निदेशक, भाकृअनुप-सीबा, संयोजक, डीएए'12, सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया।
समारोह के समापन सत्र के दौरान, डॉ. तरुण श्रीधर, पूर्व सचिव, मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार, ने अपने संबोधन में जलीय रोगों से होने वाले आर्थिक नुकसान के सटीक आकलन के लिए वास्तविक समय के आंकड़ों के महत्व पर बल दिया और स्वास्थ्य प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने पर बल दिया। सर्वश्रेष्ठ मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों के लिए पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
चार दिवसीय संगोष्ठी में आठ तकनीकी सत्रों में 436 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें 21 देशों के 71 अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल थे। प्रतिभागियों में शोधकर्ता, शिक्षाविद, सलाहकार, मत्स्य अधिकारी, पोस्ट डॉक्टरल फेलो और छात्र शामिल थे। 257 मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों के अलावा, संगोष्ठी में कई उल्लेखनीय प्रस्तुतियाँ भी प्रस्तुत की गईं: जलीय स्वास्थ्य प्रबंधन पर एक पुस्तक और डायग्नोस्टिक किट "श्रिम्प साथी", जो झींगा रोगजनकों (डब्ल्यूएसएसवी और इएचपी) का पता लगाने के लिए एक रियल-टाइम पीसीआर किट है, जिसे डी-एनओएमई, हैदराबाद ने भाकृअनुप-सीबा के सहयोग से विकसित किया है।
भाकृअनुप-सीबा तथा सुश्री संध्या एक्वामरीन, आंध्र प्रदेश के बीच भाकृअनुप-सीबा की अति गहन, सटीक और प्राकृतिक झींगा पालन तकनीक के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किया गया।
डीएए'12 के एक भाग के रूप में, पांचवां झींगा किसान सम्मेलन 2025, 27 सितंबर को आयोजित किया गया, जिसमें 50 से अधिक किसानों, हितधारकों और संगोष्ठी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। एशियाई जलीय कृषि में रोग (डीएए) संगोष्ठी, जो थाईलैंड के एएफएस के मत्स्य स्वास्थ्य अनुभाग द्वारा त्रैवार्षिक रूप से आयोजित की जाती है, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जलीय पशु स्वास्थ्य प्रबंधन को सुदृढ़ करने हेतु ज्ञान के आदान-प्रदान, अनुसंधान को आगे बढ़ाने तथा सहयोग को बढ़ावा देने का एक प्रमुख मंच है।
इस आयोजन को राष्ट्रीय मत्स्य अनुसंधान संस्थानों और विकास एजेंसियों का समर्थन प्राप्त था। इस वर्ष की संगोष्ठी का विषय था "जलीय पशु स्वास्थ्य प्रबंधन के भविष्य को आकार देने वाले परिवर्तनकारी नवाचार।"
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय खारा जल कृषि संस्थान, चेन्नई)
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