15 अक्टूबर, 2022, पूसा, समस्तीपुर
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर में 15 अक्टूबर को विद्यापति सभागार में राष्ट्रीय महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों से आये हुए सैकड़ों महिला किसानों ने हिस्सा लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में, विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. पी.एस. पांडे ने महिलाओं के सशक्तिकरण से संबन्धित संस्कृत के श्लोक को उद्धृत करते हुए कहा कि, "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता" अर्थात जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। उन्होंने भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि, ये बहुत गर्व का विषय है कि 15 अक्टूबर को महिला किसानों को सम्मान देने के लिये तय किया गया है। कुलपति ने पद्मश्री राजकुमारी देवी, किसान चाची को अन्य महिलाओं के लिये प्रेरणा का स्रोत बताया और कहा कि इनके संघर्ष से सभी लोगों को सीख लेनी चहिए। डॉ. पांडे ने कहा कि कृषि क्षेत्र में महिलाओं का अहम योगदान है, देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों में 47 प्रतिशत छात्राएं कृषि की पढाई कर रही हैं, यह प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि विश्वविद्यालय से जुड़े कई महिला किसानों को पुरस्कार मिला, जिसमें किसान चाची पहली महिला किसान है, जिन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है। कुलपति ने डॉ. दयाराम के कार्यों की प्रशंसा भी की।
कार्यक्रम में बोलते हुए निदेशक, प्रसार शिक्षा, डॉ. एम.एस. कुंडू ने कुलपति के मार्गदर्शन की प्रशंसा की तथा कृषि में महिलाओं के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन में लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं का योगदान है। डॉ. कुंडू ने कहा कि नये उद्यमो़ की स्थापना में भी महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है।
इस कार्यक्रम में किसान चाची ने अपने संघर्ष के विषय में किसान महिलाओं को विस्तार से बताया और कहा कि समाज क्या कहेगा इस से घबराना नहीं चाहिए। महिला किसान, श्रीमती मनोरमा सिंह, श्रीमती प्रतिभा झा और श्रीमती पुष्पा झा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। यह विदित है कि बिहार में मशरूम क्रांति लाने में इन महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है।
कार्यक्रम में, डॉ. अनुपमा कुमारी, सहनिदेशक, प्रसार शिक्षा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम के दौरान निदेशक, अनुसंधान, डॉ. पी.एस. ब्रह्मानंद; डीन बेसिक साइंस, डॉ. सोमनाथ राय चौधरी; डॉ. दयाराम; डॉ. बी. के. तिवारी; डा. कुमार राज्यवर्धन; डॉ. एम.एस. मीणा समेत कई वैज्ञानिकों एवं पदाधिकारियों ने शिरकत की।
(स्रोतः डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर, बिहार)
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