27 अप्रैल, 2025, हैदराबाद
डॉ. मांगी लाल जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक, (भाकृअनुप) ने आज हैदराबाद स्थित भाकृअनुप-भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान (भाकृअनुप-आईआईएमआर) में आईआईएमआर एफपीओ एग्रो-मार्ट का उद्घाटन किया। नई सुविधा का उद्देश्य भाकृअनुप-आईआईएमआर से तकनीकी सहायता और आईसीआईसीआई फाउंडेशन से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के तहत वित्तीय सहायता के साथ मूल्य वर्धित कदन्न उत्पादों के विपणन में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को सहायता प्रदान करना है।
डॉ. जाट ने किसान समूहों के माध्यम से ग्रामीण विकास तथा श्री अन्न के संवर्धन में भाकृअनुप-आईआईएमआर के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि नए एग्रो-मार्ट से एफपीओ के लिए उपभोक्ता पहुंच और दृश्यता बढ़ेगी, जिससे किसानों की आय में सुधार होगा।

बाद में, डॉ. जाट ने भाकृअनुप-आईआईएमआर और ओयूएटी, भुवनेश्वर द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित श्री अन्न (बाजरा) मशीनीकरण केन्द्र का भी उद्घाटन किया। उन्होंने श्रम निर्भरता को कम करने, दक्षता में सुधार करने और टिकाऊ श्री अन्न उत्पादन सुनिश्चित करने में मशीनीकरण के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि विशेष रूप से आदिवासी उप-योजना (टीएसपी) के तहत ऐसी मशीनीकरण इकाइयाँ आदिवासी क्षेत्रों में बाजरा की खेती का समर्थन करने, खेतिहर महिलाओं के काम का बोझ कम करने और बेहतर विपणन और प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे के माध्यम से बाजरा मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने में महत्वपूर्ण होंगी।
इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें पद्म भूषण डॉ. आर.एस. परोदा, पूर्व सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप); डॉ. राकेश चंद्र अग्रवाल, उप-महानिदेशक (कृषि शिक्षा), भाकृअनुप और कार्यवाहक निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी; डॉ. सी. तारा सत्यवती, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएमआर के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य हितधारक शामिल रहे।

अपने संबोधन में, डॉ. सी. तारा सत्यवती ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और ओडिशा में श्री अन्न आधारित एफपीओ के पोषण में संस्थान के समर्पित कार्य पर प्रकाश डाला।
एग्रो-मार्ट की स्थापना प्रसंस्कृत और ब्रांडेड श्री अन्न आधारित उत्पादों को प्रदर्शित करके एफपीओ की श्री अन्न उपस्थिति को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में की गई है। इस पहल का उद्देश्य मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग और प्रत्यक्ष उपभोक्ता जुड़ाव को बढ़ावा देकर श्री अन्न किसानों की लाभप्रदता में सुधार करना है।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)
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