डॉ. अभिलक्ष लिखी, भारतीय प्रशासनिक सेवा, ओएसडी, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने भाकृअनुप-एनबीएफजीआर के अनुसंधान प्रयासों की सराहना की

डॉ. अभिलक्ष लिखी, भारतीय प्रशासनिक सेवा, ओएसडी, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने भाकृअनुप-एनबीएफजीआर के अनुसंधान प्रयासों की सराहना की

8  मई, 2023, लखनऊ

डॉ. अभिलक्ष लिखी, भारतीय प्रशासनिक सेवा, विशेष ड्यूटी अधिकारी (ओएसडी), मत्स्य विभाग, भारत सरकार ने भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजीआर), लखनऊ का दौरा किया और आज मछली किसानों के साथ बातचीत की।

उन्होंने भाकृअनुप-एनबीएफजीआर के अनुसंधान प्रयासों की सराहना की और सतत विकास लक्ष्यों को संरेखित करने में मत्स्य संसाधनों के संरक्षण विकास तथा प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय प्रयासों एवं प्राथमिकताओं के साथ काम करने का आग्रह किया।

ओएसडी ने फिश फार्म, नेशनल फिश म्यूजियम एवं रिपोजिटरी तथा गंगा एक्वेरियम का भी दौरा किया।

Animal-Husbandry-Dairying-lauds-NBFGR-06_1.jpg  Animal-Husbandry-Dairying-lauds-NBFGR-01_1.jpg

डॉ. लिखी ने संस्थान के मछली फार्म में पाले जाने वाली खाद्य एवं सजावटी मछली की प्रजातियों को देखा और उनके माध्यम से आजीविका उत्पादन के अवसरों के विस्तार के साथ-साथ राष्ट्रीय मछली उत्पादन को बढ़ाने तथा अभिनव कार्य करने के लिए, मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश में सक्रिय कई मछुआरा समुदाय के लिए स्टार्ट-अप की खोज करने पर जोर दिया।

डॉ. लिखी ने बाराबंकी जिले के देवा प्रखंड के मिश्रीपुर गांव में प्रगतिशील मत्स्य पालकों के मत्स्य फार्म का भी दौरा किया.

श्री. प्रशांत शर्मा, भारतीय प्रशासनिक सेवा, यू.पी. मत्स्य विभाग के विशेष सचिव एवं निदेशक ने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।

Animal-Husbandry-Dairying-lauds-NBFGR-04_1.jpg  Animal-Husbandry-Dairying-lauds-NBFGR-05_1.jpg

डॉ. उत्तम कुमार सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने संस्थान की हालिया गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।

डॉ. एन.एस. रहमानी, संयुक्त निदेशक, मत्स्य पालन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राज्य सबसे जीवंत राज्य उत्तर प्रदेश में मछुआरों और मछली किसानों के स्थायी मछली उत्पादन और आजीविका समर्थन के लिए हितधारकों के साथ काम करने के लिए मूल्यवान सुझावों और मार्गदर्शन को शामिल करेगा।

बाराबंकी, लखनऊ, महराजगंज और उत्तर प्रदेश के आसपास के जिलों के किसानों ने मछली पालन के तरीकों, अर्जित आय और मछली पालन में संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा मिल रही मदद के बारे में बातचीत की।

श्रीमती राम कली, एक प्रमुख महिला मछली उत्पादक किसान ने मछली पालन में तकनीकी हस्तक्षेप को अपनाने का आग्रह किया, जिससे आय बढ़ाने में उसे मदद मिली।

बाराबंकी के एक प्रगतिशील किसान और भाकृअनुप-एनबीजीएफआर के लाभार्थी श्री राम बक्श ने मछली पालन में अपनी सफलता के बारे में बताया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ)

×