भारत के हिमालयी क्षेत्र के कृषि परिदृश्य में पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित

भारत के हिमालयी क्षेत्र के कृषि परिदृश्य में पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित

11-12 जनवरी, 2024, अरुणाचल प्रदेश

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन VI, गुवाहाटी उत्तर-पूर्व पहाड़ी क्षेत्र, उमियाम और राज्य बागवानी अनुसंधान और विकास संस्थान, अरुणाचल प्रदेश सरकार के अनुसंधान परिसर के सहयोग से 11 और 12 जनवरी, 2024 को सेंट क्लैरेट कॉलेज, जीरो, अरुणाचल प्रदेश में भारत के हिमालयी क्षेत्र के कृषि परिदृश्य में पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।

National Workshop on Ecosystem Services in Agricultural Landscape of Himalayan Region of India

श्री तागे ताकी, कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री, अरुणाचल प्रदेश सरकार, डॉ. एस.के. चौधरी, उप-महानिदेशक, एनआरएम, श्री अलेमतेमसी जमीर, भारतीय प्रशासनिक सेवा, श्री रवि प्रसाद, भारतीय प्रशासनिक सेवा, डॉ. बी.एस. द्विवेदी, सदस्य कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड, डॉ. सी.एस. राव, निदेशक, राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, डॉ. आर.के. सिंह, सहायक महानिदेशक (एई), डॉ. वी.के. मिश्रा निदेशक, भाकृअनुप-एनईएच, उमियाम और डॉ. जी. कादिरवेल, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोन VI, गुवाहाटी ने कार्यशाला में भाग लिया।

तीन तकनीकी सत्र का आयोजन, अर्थात् भारत के हिमालयी क्षेत्र में प्रमुख पारिस्थितिक तंत्रों का मानचित्रण तथा लक्षण वर्णन, भारत के हिमालयी क्षेत्र में पारंपरिक कृषि प्रणालियों पर जोर देने के साथ-साथ पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का मूल्यांकन एवं मूल्य निर्धारण, कृषक समुदाय को सशक्त बनाने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन की रणनीतियाँ/ दृष्टिकोण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के भुगतान के माध्यम से सशक्त बनाना सम्मिलित था।

(स्रोत: भाकृअनुप-अटारी, जोन VI, गुवाहाटी)

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