23 जून, 2025, गोवा
भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा ने आज नाबार्ड, गोवा द्वारा आयोजित “गोवा में सौर ऊर्जा की संभावनाओं का दोहन: हितधारक भागीदारी तथा सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देना” विषय पर क्षेत्रीय सलाहकार समिति (आरएसी) की उद्घाटन बैठक में सक्रिय रूप से भाग लिया।
भाकृअनुप-सीसीएआरआई के निदेशक, डॉ. परवीन कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अपने संबोधन में उन्होंने कृषि में सौर ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया, खेती की लागत को कम करने तथा कार्बन उत्सर्जन को कम करने की इसकी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने संस्थान के भीतर सौर ऊर्जा को एकीकृत करने के लिए भाकृअनुप-सीसीएआरआई द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें बागवानी उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए सौर ड्रायर का उपयोग और सौर ऊर्जा चालित सिंचाई प्रणालियों का कार्यान्वयन शामिल है।

श्री संदीप धारकर, महाप्रबंधक, नाबार्ड, गोवा ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और बैठक के उद्देश्यों को रेखांकित किया, जिसमें राज्य में सतत विकास के लिए सौर ऊर्जा का लाभ उठाने के लिए हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
बैठक में गोवा राज्य सहकारी बैंक, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (गोवा सरकार), गोवा ऊर्जा विकास एजेंसी (जीईडीए), कृषि निदेशालय, भारतीय स्टेट बैंक, स्थानीय किसान तथा विभिन्न संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों, जैसे प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण केन्द्र सरकार द्वारा पीएम-कुसुम योजना के दिशा-निर्देशों को जारी करना था, साथ ही गोवा में मत्स्य पालन क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए एक रोडमैप भी जारी किया गया। रोडमैप एमपी एनसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया था।
बैठक ने गोवा के कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सौर ऊर्जा समाधानों को अपनाने में तेजी लाने के लिए एक सहयोगी ढांचा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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