2 फरवरी 2024, बैरकपुर
भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मत्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सीआईएफआरआई), बैरकपुर ने विश्व वेटलैंड दिवस 2024 की मेजबानी की। भाकृअनुप-सीआईएफआरआई ने तकनीकी विकास, नीति समर्थन, क्षमता निर्माण, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन तथा प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के माध्यम से वेटलैंड मत्स्य पालन की उन्नति में सक्रिय रूप से योगदान दिया।
डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफआरआई ने आर्द्रभूमि मत्स्य पालन विकास में संस्थान की उपलब्धियों की जानकारी दी और आर्द्रभूमि के महत्व पर जोर दिया। डॉ. दास ने क्षमता निर्माण तथा मत्स्य पालन इनपुट प्रदान करके दस नई आर्द्रभूमियों को अपनाने की घोषणा की।
प्रोफेसर (डॉ.) आशीष कुमार पाणिग्रही, प्रो-वाइस चांसलर, बर्दवान विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल ने आर्द्रभूमि के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया तथा जमीनी स्तर पर आर्द्रभूमि विकास में सीआईएफआरआई की भूमिका की सराहना की।
कल्याणी विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सोमा मुखर्जी ने मानव कल्याण के लिए आर्द्रभूमि के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम ने मानव कल्याण के संदर्भ में आर्द्रभूमि के महत्व पर जोर देने के साथ-साथ विशेषज्ञों एवं मछुआरों के बीच सार्थक चर्चा एवं सहयोग के लिए एक मंच के रूप में भी काम किया।
चार आर्द्रभूमियों के मछुआरों को, आर्द्रभूमियों में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए आउटबोर्ड इंजन तथा सीआईएफआरआई एचडीपीई पेन से सुसज्जित एफआरपी मछली पकड़ने वाली नावें प्राप्त हुईं।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मत्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें