भाकृअनुप-सीआईएआरआई ने 48वां स्थापना दिवस का किया आयोजन

भाकृअनुप-सीआईएआरआई ने 48वां स्थापना दिवस का किया आयोजन

23 जून, 2025, श्री विजयापुरम

भाकृअनुप-केन्द्रीय द्वीपीय कृषि अनुसंधान संस्थान, श्री विजयापुरम ने आज अपना 48वां स्थापना दिवस एक जीवंत कार्यक्रम के आयोजन के साथ मनाया, जिसमें द्वीप कृषि में इसके निरंतर योगदान को मान्यता दी गई।

इस अवसर पर, श्री जी. संथानम, महाप्रबंधक, नाबार्ड मुख्य अतिथि के रूप में तथा डॉ. अपारुप दास, निदेशक, आईसीएमआर-आरएमआरसी सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।

अपने संबोधन में श्री संथानम ने बागवानी, फसल और पशु विज्ञान, मत्स्य पालन और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन सहित विविध क्षेत्रों में कृषि अनुसंधान में भाकृअनुप-सीआईएआरआई की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने किसान उत्पादक संगठन, वाटरशेड और आदिवासी विकास जैसे नाबार्ड की विकासात्मक पहलों पर प्रकाश डाला और छत पर बागवानी, जैविक खेती, आदिवासी सशक्तिकरण और संरक्षित खेती सहित ग्रामीण आजीविका मॉडल पर संस्थान के साथ भविष्य के सहयोग में रुचि व्यक्त की।

डॉ. अपरूप दास ने "भारत में मलेरिया की जूनोटिक उत्पत्ति के लिए जीनोमिक साक्ष्य" पर स्थापना दिवस व्याख्यान दिया, जिसमें पशु से मानव में संक्रमण की गतिशीलता पर जोर दिया गया। उन्होंने जूनोटिक रोगों, औषधीय पौधों और वन हेल्थ दृष्टिकोण पर संयुक्त शोध में गहरी रुचि व्यक्त की।

डॉ. एकनाथ बी. चाकुरकर, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएआरआई ने पिछले वर्ष संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें 12 प्रौद्योगिकियों का सफल व्यवसायीकरण शामिल है। उन्होंने विकसित भारत संकल्प अभियान के तहत प्रयासों की सराहना की और केवीके और लक्षद्वीप क्षेत्रीय स्टेशन के योगदान को स्वीकार किया।

इस कार्यक्रम में 10 तकनीकी प्रकाशनों का विमोचन किया गया और भाकृअनुप-सीआईएआरआई प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए अंडमान व निकोबार तथा लक्षद्वीप के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया। वैज्ञानिकों और कर्मचारियों द्वारा अनुसंधान, फील्ड वर्क, प्रकाशन एवं संस्थागत सेवा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता दी गई।

ICAR-CIARI Celebrates 48th Foundation Day

इस अवसर पर, संस्थान ने “द्वीप गो फ्लाई” नामक एक तकनीक का व्यवसायीकरण किया, जो सिंथेटिक और हर्बल-आधारित मक्खी विकर्षक है।

इससे पहले, गणमान्य व्यक्तियों ने बौने नारियल की किस्म के पौधे रोपे, और संस्थान द्वारा विकसित विविध किस्मों एवं प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनियों का भी दौरा किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय द्वीपीय कृषि अनुसंधान संस्थान, श्री विजयपुरम)

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