भाकृअनुप-सीआईआरसीओटी के कपास भंडारण और कृषि पद्धतियों में क्रांतिकारी बदलाव लाने हेतु उद्योग भागीदारों के साथ पांच समझौता ज्ञापनों पर किए हस्ताक्षर

भाकृअनुप-सीआईआरसीओटी के कपास भंडारण और कृषि पद्धतियों में क्रांतिकारी बदलाव लाने हेतु उद्योग भागीदारों के साथ पांच समझौता ज्ञापनों पर किए हस्ताक्षर

7 जनवरी, 2025, मुंबई    

भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (भाकृअनुप-सीआईआरसीओटी) ने कपास और कृषि क्षेत्रों में नवीन प्रौद्योगिकियां लाने के लिए अग्रणी उद्योगपतियों के साथ कई प्रभावशाली समझौतों पर हस्ताक्षर किया।

संस्थान ने प्रमुख उद्योग भागीदारों के साथ चार समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिनमें मेसर्स फार्मटेक सॉल्यूशंस, नासिक; मेसर्स माइक्रो सेल्स इंडिया, नासिक; मेसर्स यूनाइटेड कॉटन एक्सट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड, मालेगांव; और मेसर्स प्रकाश एग्रो प्लास्ट, नासिक शामिल हैं। ये सहयोग "बीज कपास संग्रह तथा भंडारण बैग एंटी-माइक्रोबियल फिनिश" प्रौद्योगिकी के व्यवसायीकरण पर केन्द्रित है।

इस अभिनव समाधान का उद्देश्य संग्रह एवं भंडारण प्रक्रियाओं के दौरान कपास में संदूषण और कचरा सामग्री को काफी हद तक कम करना है। कपास में आमतौर पर कचरा सामग्री में काफी भिन्नता होती है, जो प्रीमियम कपास में 1% से लेकर निम्न-गुणवत्ता वाली किस्मों में 15% तक होती है, और यह सफल तकनीक गुणवत्ता को मानकीकृत करने और इन विसंगतियों को कम करने में मदद करेगी।

प्रौद्योगिकी को भाकृअनुप-सिरकॉट के नवप्रवर्तकों की टीम द्वारा विकसित किया गया था, जिसमें डॉ. ए.के. भारिमल्ला, डॉ. एन. विग्नेश्वरन, डॉ. ए. अर्पुथराज, डॉ. मनोज कुमार महावर, डॉ. कीर्ति जलगांवकर, डॉ. शर्मिला पाटिल, डॉ. शेषराव कौतकर, और डॉ. ज्योति ढाकणे-लाड भी शामिल था। 

एक अलग घटनाक्रम में, भाकृअनुप-सिरकॉट ने अहमदनगर स्थित मेसर्स रेलीगेयर एग्रो लाइफ बायो साइंस प्राइवेट लिमिटेड के साथ उनके "नैनो-जिंक सस्पेंशन उत्पादन प्रौद्योगिकी" के व्यवसायीकरण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस सहयोग का उद्देश्य नैनो-ज़ेडएन सस्पेंशन का उपयोग करके कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है, जिसे पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देने और फसल की पैदावार में सुधार करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के समय डॉ. एन. विग्नेश्वरन, डॉ. ए.के.भारिमल्ला और डॉ. ए. अर्पुथराज सहित प्रमुख नवोन्मेषक उपस्थित रहे।

ये रणनीतिक साझेदारी कपास प्रौद्योगिकी एवं कृषि विज्ञान दोनों में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती है, जिसका उद्देश्य कपास भंडारण तथा पौधों के स्वास्थ्य में लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों का समाधान करना है। इन सहयोगों के माध्यम से, भाकृअनुप-सिरकॉट कृषि अनुसंधान में नवाचार का नेतृत्व करना जारी रखा है, साथ ही अधिक टिकाऊ एवं कुशल कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्याधुनिक समाधान भी प्रदान किया है।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई)

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