भाकृअनुप-एनएमआरआई, हैदराबाद ने महिलाओं के लिए मीट-बेस्ड लाइवलीहुड एंटरप्राइजेज को मजबूत करने हेतु ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

भाकृअनुप-एनएमआरआई, हैदराबाद ने महिलाओं के लिए मीट-बेस्ड लाइवलीहुड एंटरप्राइजेज को मजबूत करने हेतु ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

30 अक्टूबर, 2025, हैदराबाद

दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा भाकृअनुप–राष्ट्रीय मीट अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के बीच एनडीसीसी-II बिल्डिंग, नई दिल्ली में आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया। एमओयू का मकसद एनमआरआई की टेक्निकल एक्सपर्टीज़ और डीएवाई-एनआरएलएम के महिला संस्थानों के बड़े फील्ड नेटवर्क का इस्तेमाल करके ग्रामीण भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले, हाइजीनिक तथा वैल्यू-एडेड मीट-बेस्ड एंटरप्राइजेज को बढ़ावा देना है।

इसके अलावा, इस कोलेबोरेशन का मकसद ग्रामीण महिलाओं को फॉर्मल मार्केट तक पहुंचने और सस्टेनेबल, सुरक्षित एवं फायदेमंद मीट वैल्यू चेन बनाने में मदद करना है। यह पार्टनरशिप ‘लखपति दीदीयों’ के विज़न से मेल खाती है, जिसका मकसद ग्रामीण महिलाओं को माइक्रो-एंटरप्रेन्योर से सस्टेनेबल लाइवस्टॉक इंटरप्राइजेज में लीडर बनाना है।

ICAR–NMRI, Hyderabad inks MoU with Ministry of Rural Development to Strengthen Women-led Meat-Based Livelihood Enterprises

डॉ. एस.बी. बारबुद्धे, निदेशक, भाकृअनुप-एनएमआरआई, ने इस बात पर जोर दिया कि मीट की खपत में लगातार बढ़ोतरी के साथ, मीट प्रोसेसिंग तथा वैल्यू-एडेड मीट प्रोडक्ट्स का डेवलपमेंट ग्रामीण महिलाओं की इनकम और एंटरप्रेन्योरशिप बढ़ाने का एक अच्छा मौका है।

साइनिंग सेरेमनी के दौरान, ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) के सहायक सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि पशुधन पर आधारित आजीविका ग्रामीण इनकम बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है, क्योंकि भारत के पशुधन वर्कफोर्स में 70% से ज़्यादा महिलाएं हैं।

इस संभावना को पहचानते हुए, एमओयू मीट वैल्यू चेन को सामान्यीकरण करने, फ़ूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का पालन सुनिश्चित करने तथा बदलती पशुधन इकॉनमी में महिलाओं को एंटरप्रेन्योर के तौर पर मुख्यधारा में लाने के लिए फोकस करता है।

(सोर्स: भाकृअनुप–राष्ट्रीय मीट अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)

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