भाकृअनुप-डीपीआर ने प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण पर विचार-विमर्श सत्र का किया आयोजन

भाकृअनुप-डीपीआर ने प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण पर विचार-विमर्श सत्र का किया आयोजन

24 जून, 2025, हैदराबाद

भाकृअनुप-पोल्ट्री अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद ने आज प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण पर विचार-विमर्श सत्र का आयोजन किया, जिसमें बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में जागरूकता और क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया।

सत्र का एक प्रमुख आकर्षण एग्रीनोवेट इंडिया लिमिटेड के सीईओ, डॉ. प्रवीण मलिक का आकर्षक संबोधन था, जिन्होंने कृषि नवाचारों की सुरक्षा और उनके सफल व्यवसायीकरण को सुविधाजनक बनाने में बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने आईपी संरक्षण के विभिन्न रूपों को रेखांकित किया और वैज्ञानिकों से नवाचार को बढ़ावा देने, दृश्यता बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए इन उपकरणों का सक्रिय रूप से उपयोग करने का आग्रह किया कि अनुसंधान के परिणाम प्रभावी रूप से कृषक समुदाय तक पहुँचें और लाभान्वित हों।

भाकृअनुप-डीपीआर के निदेशक (प्रभारी), डॉ. एस.एस. पॉल ने सत्र की अध्यक्षता की और कृषि में संस्थागत प्रभाव और प्रौद्योगिकी प्रसार को बढ़ाने में रणनीतिक आईपी प्रबंधन की बढ़ती प्रासंगिकता पर जोर दिया।

सत्र में प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण चक्र के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया, जिसमें अवधारणा विकास, प्रौद्योगिकी अवलोकन, कृषि-तकनीक हस्तांतरण चुनौतियां, बाजार के अवसर एवं एग्रीनोवेट की संरचित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रक्रिया शामिल है। डॉ. मलिक ने नवाचारों को बढ़ाने के लिए प्रभावी सार्वजनिक-निजी भागीदारी विकसित करने की रणनीतियों पर भी प्रकाश डाला।

भाकृअनुप-डीपीआर के वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मचारियों सहित लगभग 25 प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया, जो कृषि क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और व्यवसायीकरण के प्रतिच्छेदन का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है।

(स्रोत: भाकृअनुप-पोल्ट्री अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद)

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