16 जुलाई, 2025, आणंद, गुजरात
भाकृअनुप-औषधीय एवं सुगंधित पादप अनुसंधान निदेशालय (भाकृअनुप-डीएमएपीआर), आणंद, गुजरात ने संस्थान-उद्योग के बीच संबंध को मजबूत करने और औषधीय एवं सुगंधित पौधों (एमएपी) के क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 14- 15 जुलाई, 2025 को दो दिवसीय उद्योग सम्मेलन और स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता, डॉ. एस.के. मल्होत्रा, कुलपति, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, करनाल ने की।

डॉ. एन.सी. गौतम, पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय तथा अध्यक्ष, क्यूआरटी, भाकृअनुप-डीएमएपीआर, और डॉ. सुधाकर पांडे, सहायक महानिदेशक (एफवीपीएमएस), भाकृअनु, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
अन्य विशिष्ट अतिथियों में डॉ. हार्दिक सोनी, सहायक महाप्रबंधक, वासु हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, श्री बिरजू पटेल, निदेशक, धन्वंतरि गुजरात हर्ब, और डॉ. अनिल कुमार दुबे, निदेशक, एसपीआरईआरआई शामिल थे।
डॉ. मनीष दास, निदेशक, भाकृअनुप-डीएमएपीआर ने अपने स्वागत संबोधन में संस्थान की उपलब्धियों को रेखांकित किया और मेडी-हब टेक्नोलॉजी बिजनेस इन्क्यूबेटर के माध्यम से नवाचार, कटाई-पश्चात प्रबंधन और स्टार्ट-अप इन्क्यूबेशन की भूमिका पर बल दिया।
वक्ताओं ने उद्योग संपर्क और निर्यात तत्परता के लिए गुणवत्तापूर्ण कच्चे माल और जीएपी प्रमाणन (भारतजीएपी) के महत्व सहित प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया; बेहतर गुणवत्ता और लागत-प्रभावशीलता के लिए प्राथमिक प्रसंस्करण तथा ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियाँ; विपणन और व्यापार को मज़बूत करने के लिए ट्रेसेबिलिटी, प्रमाणन अवसंरचना और समर्पित एमएपी मंडियों की आवश्यकता; और उत्पादकों, उपभोक्ताओं और शोधकर्ताओं के लिए डेटाबेस का विकास, साथ ही गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री और बाज़ार आश्वासन सुनिश्चित करने के लिए बीज मूल्य श्रृंखलाओं और खेती समूहों का विकास।
इस कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी पुस्तिका 3.0, जीएपी पर चार गुजराती पत्रक और भाकृअनुप-डीएमएपीआर द्वारा विकसित कैफीन-मुक्त, फ्लेवोनोइड- और कैटेचिन-समृद्ध उत्पाद वल्लभ हर्बल चाय का विमोचन भी हुआ।

पैनल चर्चाओं और पूर्ण व्याख्यानों में एमएपी की खेती, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में प्रमुख चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की गई। विषयों में इनक्यूबेशन सहायता, नृवंश-पशु चिकित्सा अनुप्रयोग, आईपी प्रबंधन और स्टार्ट-अप के लिए वित्तपोषण शामिल था।
इस सम्मेलन में भारत भर के 20 स्टार्ट-अप्स द्वारा प्रस्तुत उत्पादों प्रदर्शनियां प्रस्तुत की गईं और उद्योग, शिक्षा जगत, उद्यमियों, किसानों और वैज्ञानिकों के 140 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह आयोजन औषधीय एवं सुगंधित पौध (एमएपी) क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
(स्रोत: भाकृअनुप-औषधीय एवं सगंध पौध अनुसंधान निदेशालय, आणंद, गुजरात)
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