24 नवंबर, 2023, आनंद
भाकृअनुप-औषधीय एवं सुगंधित पादप अनुसंधान निदेशालय, आनंद का 32वां स्थापना दिवस आज मनाया गया।
डॉ. तिलक राज शर्मा, उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान एवं बागवानी विज्ञान), भाकृअनुप, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने राय दी कि देश में एमएपी के जर्मप्लाज्म के व्यापक संरक्षण की आवश्यकता है। डॉ. शर्मा ने एमएपी के जर्मप्लाज्म परिग्रहण के लक्षण वर्णन के लिए डीएनए प्रौद्योगिकियों और उन्नत फाइटोकेमिकल विश्लेषण का उपयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने देश में एमएपी को बढ़ावा देने के लिए बेहतर फसल उत्पादन तथा सुरक्षा प्रौद्योगिकियों और सेंसर, ड्रोन एवं उपग्रहों जैसी सटीक कृषि प्रौद्योगिकियों के विकास पर जोर दिया।
डॉ. सुधाकर पांडे, सहायक महानिदेशक (फूल, सब्जियां, मसाले एवं औषधीय तथा सुगंधित पौधे), भाकृअनुप, कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने औषधीय पौधों की कच्ची दवाओं की गुणवत्ता के लिए अच्छी कृषि और संग्रह प्रथाओं के महत्व पर जोर दिया।
श्री जी.पी. शर्मा, संयुक्त सचिव (वित्त), भाकृअनुप और श्री कार्यक्रम में बाकृअनुपके संयुक्त सचिव (पर्सनल) एमके जैन विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
श्री शर्मा ने उद्यमिता विकास और देश की अर्थव्यवस्था के लिए औषधीय एवं सुगंधित पौधों के महत्व पर जोर दिया।
श्री जैन ने स्वास्थ्य एवं कल्याण में औषधीय तथा सुगंधित पौधों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के लिए पौधों के इस समूह के लिए मूल्यवर्धित उत्पादों के विकास की आवश्यकता है।
भाकृअनुप-डीएमएपीआर, आनंद के निदेशक, डॉ. मनीष दास ने मेहमानों का स्वागत किया और पिछले एक वर्ष के दौरान भाकृअनुप-डीएमएपीआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
इससे पहले डॉ. टी.आर. शर्मा ने निदेशालय में प्रौद्योगिकी प्रदर्शन ब्लॉक और स्पीड ब्रीडिंग सुविधा का उद्घाटन किया। डॉ. शर्मा ने एमएपी की खेती करने वाले प्रगतिशील किसानों (श्री बीरबल राम सारण, पारेवाड़ा गांव, बीदासर तहसील, चूरू, राजस्थान और श्री तड़वी देवाभाई जेसमगभाई, धमदसा गांव, गरुड़ेश्वर तहसील, नर्मदा, गुजरात) को पुरस्कार भी प्रदान किए। भाकृअनुप-मेडी-हब, टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर के सर्वश्रेष्ठ उद्यमियों (मैसर्स कार्बोकिसान, बेंगलुरु और मैसर्स ग्रीन-क्रॉस एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद) को भी पुरस्कार प्रदान किए गए। भाकृअनुप-डीएमएपीआर के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया।
इसके अलावा, डॉ. शर्मा ने डॉ. के.सी. दलाल, पूर्व निदेशक, औषधीय एवं सुगंधित पौधों पर राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र तथा डॉ. सत्यब्रत मैती, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-डीएमएपीआर, आनंद को निदेशालय के विकास में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।
कार्यक्रम में एएयू, आनंद के विभिन्न विभागों के प्रमुखों और प्रोफेसरों तथा गुजरात में स्थित भाकृअनुप संगठनों के प्रमुखों, भाकृअनुप-मेडी-हब, टीबीआई के इनक्यूबेट्स, भाकृअनुप-डीएमएपीआर, आनंद के वैज्ञानिकों तथा कर्मचारियों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-औषधीय एवं सुगंधित पादप अनुसंधान निदेशालय, आनंद)
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