भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

22 जुलाई, 2025, लखनऊ

भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के सभागार में आज उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) तथा भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ के 36वें स्थापना दिवस, कृषि वैज्ञानिक सम्मान समारोह एवं "विकसित कृषि विकसित उत्तर प्रदेश @2047" विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

 

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश थे। श्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। अतिरिक्त विशिष्ट अतिथि के रूप में, श्री दिनेश प्रताप सिंह, राज्यमंत्री (उद्यान) एवं श्री बलदेव सिंह औलख, राज्यमंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उत्तर प्रदेश भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में केवल 25-30% किसानों को अनुसंधान का लाभ मिल रहा है, यदि सभी अन्नदाता किसानों को शोध एवं अनुसंधान का लाभ मिले, तो हम उत्तर प्रदेश में उत्पादन को तीन गुना तक बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रयास द्वारा ही भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनेगा, जिसमें उत्तर प्रदेश की भूमिका अहम होगी। श्री आदित्यनाथ ने कहा कि अब किसानों को जलवायु के दुष्परिणामों से बचाने हेतु भी प्रयास को गति देने की जरूरत है। साथ ही उत्कृष्ट अनुसंधान का कृषि में उपयोग कर कम लागत में अधिक उत्पादन सुनिश्चित करना है,जिससे किसानों के खुशहाल जीवन को सुनिश्चित किया जा सके।

 

श्री शाही ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बन रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार त्वरित मक्के की खेती की शुरुआत की है, जिसका लाभ स्पष्ट रूप से दिख रहा हैं। कृषि मंत्री ने कृषि विज्ञान केन्द्र, लखीमपुर खीरी में हुए गन्ने की नई किस्मों के प्रदर्शन की सराहना की। साथ ही उन्होंने भविष्य में एक कार्यशाला आयोजित करने की मंशा जाहिर की, ताकि 2047 के विकसित भारत का रोडमैप तैयार किया जा सके।

डॉ दिनेश सिंह, निदेशक, भा.ग.अनु.सं., लखनऊ तथा डॉ संजय सिंह, महानिदेशक, उ.प्र.कृ.अनु.प., लखनऊ ने गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया।

इस कार्यक्रम में प्रमुख सचिव कृषि, कृषि शिक्षा एव अनुसंधान; प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति; निदेशक शोध व प्रसार; प्रदेश के कृषि एवं तत्संबंधी विभागों के निदेशक; प्रदेश के भाकृअनुप संस्थानों के निदेशक; उ.प्र. के कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष, वैज्ञानिकों; एफ.पी.ओ. के प्रतिनिधिगण; प्रदेश के कृषकों तथा विद्यार्थियों ने भागीदारी की।

श्री योगी आदित्यनाथ एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा संस्थान की राजभाषा पत्रिका 'इक्षु' (वर्ष 13 अंक 2) सहित कई पुस्तकों का विमोचन एवं वैज्ञानिकों, शिक्षकों, एफ.पी.ओ. तथा विद्यार्थियों को उनके विशिष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर एक कृषि प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में कृषि के विविध विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिया गया, जिसमें, डॉ. ए.के. सिंह, कुलपति, आरएलबीसीएयू, झांसी के द्वारा, 'बुदेलखंड में कृषि की संभावनाएँ तथा प्राकृतिक खेती, उद्यानिकी, एफ.पी.ओ. की भूमिका आदि प्रमुख विषयों पर अन्य विशेषज्ञों के व्याख्यान शामिल थे।

तकनीकी सत्र की अध्यक्षता, डॉ. दिनेश सिंह एवं सह अध्यक्षता, डॉ. वी.बी.एस. सिसोदिया एवं डॉ. राम भजन द्वारा की गयी।

(स्रोतः भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ)

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