भाकृअनुप-अटारी ने केवीके द्वारा भविष्य के अनुसंधान के विस्तार लिए रोडमैप तैयार करने पर एक कार्यशाला का किया आयोजन

भाकृअनुप-अटारी ने केवीके द्वारा भविष्य के अनुसंधान के विस्तार लिए रोडमैप तैयार करने पर एक कार्यशाला का किया आयोजन

22 सितम्बर, 2023, जबलपुर

कृषि में भविष्य के परिप्रेक्ष्य के आधार पर कृषि विज्ञान केन्द्रों में विस्तार अनुसंधान को पुन: उन्मुख करने के लिए भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर द्वारा केवीके द्वारा भविष्य के विस्तार अनुसंधान के लिए रोडमैप पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

डॉ. के. नारायण गौड़ा, पूर्व वीसी, यूएएस, बेंगलुरु कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

डॉ. एस.आर.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जबलपुर, डॉ. डी.के. जयसवाल, विभागाध्यक्ष, विस्तार शिक्षा, जेएनकेवीवी जबलपुर, डॉ. पी.डी.के.वी. अकोला, डॉ. ए.ए. राउत, वैज्ञानिक और डॉ. हरीश एम.एन., वैज्ञानिक, भाकृअनुप-अटारी, जबलपुर, विस्तार शिक्षा विभाग, जेएनकेवीवी, जबलपुर के अकादमिक कर्मचारी, भाकृअनुप-अटारी जबलपुर के कृषि विज्ञान केन्द्रों से विस्तार शिक्षा के विषय वस्तु विशेषज्ञ कार्यशाला के दौरान उपस्थित थे।

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डॉ. गौड़ा ने विस्तार विशेषज्ञों को किसानों की स्थितियों के प्रति सहानुभूति रखने और अधिक उत्पादन उत्पन्न करने तथा आय बढ़ाने के लिए भारत के अप्रयुक्त प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सतत विकास, जैविक एवं प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने तथा प्राकृतिक खेती के लिए मानकीकरण प्रक्रियाओं को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. गौड़ा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कृषि और वन उपज के निर्यात की क्षमता पर प्रकाश डाला और मूल्य संवर्धन और बाजार जुड़ाव के लिए एक समूह दृष्टिकोण का सुझाव दिया। साथ ही केवीके के विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा कृषक समुदाय को सहायता एवं मार्गदर्शन प्रदान करना चाहिए।

डॉ. डी.पी. शर्मा, डीईएस, जेएनकेवीवी, जबलपुर ने कहा कि विस्तार कृषि विज्ञान केन्द्र की मुख्य गतिविधि है और विस्तार विशेषज्ञों को उन कारकों का विश्लेषण करने पर भी ध्यान केन्द्रित करना होगा जो कृषक समुदाय के बीच कृषि प्रौद्योगिकियों को अपनाने में बाधा डालते हैं या असको बढ़ावा देते हैं।

कैप्टन डॉ. एल.बी. कलंत्री, पूर्व निदेशक, रेशम उत्पादन, महाराष्ट्र सरकार और डॉ. पी.डी.के.वी. अकोला, पूर्व एचओडी, विस्तार शिक्षा ने रसायनों के अत्यधिक उपयोग, मिट्टी के क्षरण और मानव स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने के लिए प्राकृतिक एवं जैविक खेती की आवश्यकता पर जोर देते हुए किसानों को कृषि में विस्तार कार्य का प्राथमिक फोकस बताया।

डॉ. मिलिंद राठौड़, विभागाध्यक्ष, विस्तार शिक्षा, सीओए, नागपुर ने युवाओं में उद्यमशीलता एवं कौशल विकसित कर तथा उद्यम स्थापित करके उन्हें कृषि में बनाए रखने के लिए बाजार के नेतृत्व वाले विस्तार एवं ज्यादा अवसर के सृजन पर जोर दिया।

इससे पहले डॉ. एस.आर.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जबलपुर ने स्वागत संबोधन दिया।

कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा संचालित किए जाने वाले राष्ट्रीय, राज्य तथा क्षेत्रीय स्तर की प्राथमिकताओं के आधार पर भविष्य के विस्तार अनुसंधान के लिए विषयगत और उप-विषयगत क्षेत्रों को तैयार करने तथा पकड़ने के लिए एक विचार-मंथन सत्र भी आयोजित किया गया था।

कार्यशाला में केवीके, विस्तार शिक्षा विभाग, जेएनकेवीवी जबलपुर और भाकृअनुप-अटारी, जबलपुर से 50 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में शिरकत की।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर)

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