आईएसएसएस के 87वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन

आईएसएसएस के 87वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन

3 अक्टूबर 2023, भोपाल

भारतीय मृदा विज्ञान सोसायटी (आईएसएसएस) के 87वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन आज यहां मध्य प्रदेश सरकार के किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग के मंत्री श्री कमल पटेल ने किया।

 

The 87th Annual Convention of ISSS Inaugurated

सम्मेलन का आयोजन भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान द्वारा भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान, भोपाल में किया गया था।

मंत्री ने प्राकृतिक खेती के माध्यम से मानव और पशु स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ-साथ मिट्टी के स्वास्थ्य पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कृषि के तहत उगाए गए भोजन गहन या आधुनिक कृषि के तहत उगाए गए भोजन की तुलना में अधिक पौष्टिक, स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। श्री पटेल ने मिट्टी की भौतिक, रासायनिक और जैविक स्थिति तथा समग्र मिट्टी के स्वास्थ्य के संबंध में मिट्टी को पुनर्जीवित करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों से स्वस्थ मिट्टी की ओर लौटने के लिए प्राकृतिक खेती अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने आर्थिक दृष्टि से छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका की स्थिति में सुधार के लिए राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

The 87th Annual Convention of ISSS Inaugurated The 87th Annual Convention of ISSS Inaugurated

विशिष्ट अतिथि, डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आम लोगों के बीच मिट्टी के बारे में अनुसंधान के साथ-साथ जागरूकता की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. पाठक ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के दूसरे चरण, उर्वरक अनुसंधान पर उत्कृष्टता केन्द्र, कृषि के लिए अधिक जलवायु अनुकूल मिट्टी अनुसंधान, बागवानी फसलों के लिए मिट्टी अनुसंधान और उर्वरक के उचित उपयोग के बारे में जागरूकता शुरू करने का आह्वान किया।

सम्मानित अतिथि, डॉ. सुरेश कुमार चौधरी, उप-महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) ने जलवायु परिवर्तन शमन, जलवायु अनुकूल कृषि के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य और मृदा शिक्षा में समाज की भूमिका पर भी जोर दिया।

भाकृअनुप-आईआईएसएस के निदेशक, डॉ. एस.पी. दत्ता ने जीवित प्राणियों के अस्तित्व के लिए मिट्टी की भूमिका पर जोर दिया और प्राचीन इतिहास का उल्लेख किया जिसमें ऋग्वेद और मनुस्मृति में मिट्टी के महत्व का उल्लेख किया गया है।

देश के विभिन्न भागों से लगभग 400 प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।

आयोजन सचिव, डॉ. ए.के. विश्वास ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल)

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