25 जून, 2025, बेंगलुरु
राष्ट्रीय पशुधन महामारी विज्ञान एवं रोग मॉडलिंग (आईएनएलइएडी) कार्यक्रम के अंतर्गत दो दिवसीय रणनीतिक कार्यशाला आज ICAR-राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान एवं रोग सूचना विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में संपन्न हुई, जिसने भारत में पशुधन रोग निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणालियों में बदलाव लाने हेतु एक सुदृढ़ राष्ट्रीय ढाँचे की नींव रखी।
कार्यशाला का उद्घाटन भाकृअनुप के सहायक महानिदेशक (पशुपालन) डॉ. दिवाकर हेमाद्रि और गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जे.पी.एस. गिल ने किया।
डॉ. हेमाद्रि ने समय पर रोग नियंत्रण के लिए पशुधन स्वास्थ्य सूचना के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. गिल ने महामारी विज्ञान प्रशिक्षण और अनुसंधान में संस्थागत निवेश के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. बी.आर. गुलाटी, निदेशक, आईसीएआर-निवेदी ने पशु स्वास्थ्य में डेटा-आधारित निर्णय लेने के लिए एक परिवर्तनकारी मंच के रूप में कार्य करने की आईएनएलइडी की क्षमता पर ज़ोर दिया।

प्रमुख सत्रों में खुरपका-मुँहपका रोग (एफएमडी), रुमिनेंट्स पेस्टे डेस पेटिट्स (पीपीआर), लम्पी स्किन डिजीज (एलएस़डी), और एवियन इन्फ्लूएंजा जैसी प्राथमिकता वाली बीमारियों के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय मॉडलिंग रणनीतियों की जाँच की गई। विचार-विमर्श में बेहतर डिजिटलीकरण, डेटा पाइपलाइन और रोग सूचना विज्ञान प्लेटफार्मों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। निजी क्षेत्र के नवाचार की भूमिका का भी पता लगाया गया, जिसमें एआई-आधारित पशुधन विश्लेषण और निजी डेटा धाराओं के एकीकरण पर प्रस्तुतियाँ दी गईं।
कार्यशाला में महामारी विज्ञानियों और मॉडलर्स की नई पीढ़ी का समर्थन करने के लिए संरचित प्रशिक्षण, फैलोशिप और संस्थागत सुदृढ़ीकरण सहित क्षमता निर्माण पर ज़ोर दिया गया। ब्रेकआउट समूहों ने निगरानी, प्रारंभिक चेतावनी और प्रकोप प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए कार्रवाई योग्य अनुसंधान प्राथमिकताओं और परिचालन रणनीतियों को परिभाषित किया।
आईएनएलइएडी पहल भारत को पूर्वानुमानित पशुधन महामारी विज्ञान में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञता को राष्ट्रीय संस्थागत शक्तियों के साथ जोड़कर, इसका उद्देश्य तैयारियों को बढ़ाना, किसानों की आजीविका की रक्षा करना और खाद्य एवं आर्थिक सुरक्षा को मज़बूत करना है।
“भारत में पशुधन रोग महामारी विज्ञान और मॉडलिंग को मज़बूत करना” विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में पेन स्टेट यूनिवर्सिटी, वारविक विश्वविद्यालय, आईआईटी मुंबई, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), अंतर्राष्ट्रीय सैद्धांतिक विज्ञान केन्द्र (आईसीटीएस), गणितीय विज्ञान संस्थान (आईएमएससी), राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (एनआईई), आईवीआरआई, आईएएचवीबी और मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी (एमएएचई) सहित प्रमुख भारतीय और वैश्विक संस्थानों के विशेषज्ञ एक साथ आए। इस कार्यक्रम को गेट्स फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त था। विचार-विमर्श उन्नत मॉडलिंग दृष्टिकोणों का लाभ उठाने, पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान क्षमता को बढ़ाने और पशुधन रोग डेटा प्रणालियों में सुधार पर केंद्रित था।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान और रोग सूचना विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु)
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