23 फरवरी, 2022, वाशिम
कृषि विज्ञान केंद्र, वाशिम, महाराष्ट्र ने आज करंजा ब्लॉक के गोद लिए गैवाल गांव में "जैविक और जीवविज्ञानिक इनपुट उत्पादन और उपयोग" पर संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया।
डॉ. आर.एल. काले, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, केवीके, वाशिम ने अपने उद्घाटन संबोधन में जैविक खेती के महत्व और तरल रूप में वर्मिन-वॉश और गोकृपा के अपघटन, वर्मी-कम्पोस्टिंग और अनुप्रयोग को बढ़ाने में केवीके की भूमिका पर प्रकाश डाला।
डॉ. विनोद खडसे, विस्तार कृषि विज्ञानी, डॉ. पी.डी.के.वी., अकोला, महाराष्ट्र ने कृषि अपशिष्ट के पुनर्चक्रण, डी-कंपोस्टिंग के महत्व, जैव-गतिशील विधि, वर्मी-कम्पोस्टिंग के वैज्ञानिक उत्पादन, आईपीएम प्रथाओं के उपयोग, फेरोमोन जाल और चिपचिपा जाल पर तकनीकी सुझाव प्रदान किए। डॉ. खडसे ने एफपीओ के रूप में महिला समूह की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस अवसर पर गैवाल गांव के सरपंच श्री सतीश ए. राउत ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
(स्रोत: कृषि विज्ञान केंद्र, वाशिम, महाराष्ट्र)
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram