24 मई, 2016, बेनपुर, खोरधा जिला, ओडिशा
किसान-वैज्ञानिक वार्ता बेनपुर, ओडिशा के भाकृअनुप – केन्द्रीय ताजा जलजीव पालन संस्थान (सीफा), कौशल्यगंज, भुबनेश्वर में आयोजित की गई। यह आयोजन जनजातीय उप-योजना कार्यक्रम (टीएसपी) और 'मेरा गांव मेरा गौरव' कार्यक्रम के सहयोग से किया गया। इसके साथ ही जैव प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार) के एससी/एसटी परियोजना द्वारा किसान-वैज्ञानिक वार्ता अरंग गांव, निलाद्रिप्रसाद जीपी, बेनपुर प्रखंड, खोर्धा जिला, ओड़िशा में आयोजित की गई। इस वार्ता का विषय 'आदिवासी किसानों के लिए आजीविका विकल्प के रूप में ताजा जलजीव पालन' था।
श्री पी.के. मोहन, आईएफएस, सीई, सीडीए, आयोजन के मुख्य अतिथि ने राज्य के विभिन्न दूरस्थ क्षेत्रों के जनजातीय विकास की दिशा में भाकृअनुप – सीफा के योगदान की सराहना की और इस तरह के विकास कार्यक्रम को जारी रखने के लिए अनुरोध किया।
डॉ. जयशंकर, निदेशक, भाकृअनुप – सीफा ने किसानों को बताया कि सलाह के रूप में बेहतर प्रबंधन पद्धतियों (बीएमपी) की जानकारी दी जाएगी और दक्षता विकसित करने का कार्य संस्थान द्वारा किया जाएगा।
भाकृअनुप – सीफा ने ग्राम पंचायत के 20 गांवों (21 एकड़ जल क्षेत्र के 25 तालाब) को 'क्षेत्र संतृप्ति मॉडल' के मत्स्य प्रौद्योगिकी प्रसार कार्यक्रम के तहत अपनाया गया था। इनमें से 15 गांवों में 'मेरा गांव मेरा गौरव' कार्यक्रम लागू किया जा रहा है।
इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा मछलियों के चारे 20 गांवों के किसानों को वितरित किया गया।
निलाद्रिप्रसाद ग्राम पंचायत, प्रखंड बेनपुर, खोर्धा जिला के 300 से अधिक आदिवासी मछली पालक किसान और संबंधित विभाग के अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप – सीफा, भुबनेश्वर)
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