21 जनवरी, 2017, बिकानेर.
डॉ. गुरबचन सिंह, चेयरमैन, एएसआरबी द्वारा भाकृअनुप- राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार के उत्पादन परिसर का दौरा किया गया। डॉ. बी.एन. त्रिपाठी, निदेशक, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार ने इस अवसर पर अपने संबोधन में विभिन्न अश्व नस्लों (घोड़ा, गधा) के बारे में जानकारी दी जिनका पालन परिसर में किया जा रहा है। डॉ गुरबचन सिंह द्वारा इन नस्लों के बनावट आधारित विभिन्न लक्षणों की सराहना की तथा केन्द्र, परिसर में वैज्ञानिकों द्वारा जारी अनुसंधान कार्यों में रूचि प्रदर्शित की। इस अवसर पर उन्होंने एएसआरबी द्वारा वैज्ञानिक भर्ती विज्ञापन के बारे में जानकारी देते हुए वैज्ञानिकों को इस अवसर का लाभ उठाते हुए इन पदों पर सीधी भर्ती द्वारा शीघ्र पदोन्नति का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। डॉ. सिंह ने अश्व पालकों के लाभ के लिए अश्व उत्पादन में अनुसंधान उपलब्धियों विशेषकर देसी अश्व नस्लों के संरक्षण तथा प्रचार के लिए वैज्ञानिकों के अनुसंधान उपलब्धियों पर उन्हें बधाई दी। डॉ. सिंह ने परिसर के वैज्ञानिकों तथा स्टॉफ को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उन्हें अश्व उत्पादन में विश्वस्तरीय अनुसंधान करने चाहिए।
(प्रस्तुतिः अंग्रेजी संपादकीय एकक)
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