13 नवम्बर, 2016, लुबरांग, दक्षिणी केमेंग, अरूणाचल प्रदेश
भाकृअनुप – राष्ट्रीय याक अनुसंधान केन्द्र, दिरांग, अरूणाचल प्रदेश में आज याक मेले का आयोजन किया गया। लुबरांग गांव समुद्र तल से 9000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है जहां प्रदेश के जनजातीय याक पालक निवास करते हैं।
याक मेले के आयोजन में भारतीय सेना एवं आईटीबीपी ने भी सहयोग प्रदान किया। इस मेले का उद्देश्य देश में वैज्ञानिक विधि से याक पालन को बढ़ावा प्रदान करना था।
डॉ. आर. एस. गांधी, सहायक महानिदेशक (एपी एंड बी) भाकृअनुप, नई दिल्ली, मुख्य अतिथि ने याक मेले के आयोजन के लिए भाकृअनुप – राष्ट्रीय याक अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की। इसके साथ ही ऊंचाई पर रहने वालों के लिए टिकाऊ विकास हेतु विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से भविष्य में प्रयास की बात भी कही।
डॉ. एस.एस. बिष्ट, निदेशक, पशुपालन विभाग, उत्तराखंड ने राज्य में याक पालन से संबंधित विभिन्न उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर गम बूट्स, याक आहार, रस्सी, बाल्टियां, खनिज पूरक इत्यादि 124 याक पालकों को वितरित किए गए।
मुख्य अतिथि द्वारा मेला आयोजन में ‘अरूणाचली याक’ पर एक पुस्तक को भी जारी किया गया।
मेले में विभिन्न गावों के लोगों द्वारा पारंपरिक जीवनशैली से जुड़ी प्रदर्शनियां भी लगाई गई थी।
(स्रोतः भाकृअनुप – राष्ट्रीय याक अनुसंधान केन्द्र, दिरांग)
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