5 अगस्त, 2019, पंतनगर, उत्तराखंड
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, लुधियाना द्वारा गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तराखंड में आयोजित कृषि विज्ञान केंद्रों की वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला आज संपन्न हुआ। कार्यशाला का आयोजन 3 से 5 अगस्त, 2019 तक किया गया था।
डॉ. वी. पी. चहल, अतिरिक्त महानिदेशक, (कृषि विस्तार), भाकृअनुप, नई दिल्ली समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने सीमित संसाधनों के भीतर जिले में केवीके के सीमावर्ती विस्तार प्रणाली के रूप में काम करने के बारे में बताया। उन्होंने केवीके से 2-3 गाँवों को उद्यम आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने के मॉडल के रूप में विकसित करने और जल शक्ति अभियान को प्रभावी ढंग से निष्पादित करने का आग्रह किया।
डॉ. तेज प्रताप, कुलपति, गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर इससे पहले उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होंने वैज्ञानिकों से जमीनी स्तर पर किसानों के कल्याण के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया। उन्होंने पहाड़ियों में कृषि परिदृश्य को बदलने के लिए केवीके की भूमिका की सराहना की।
डॉ. राजबीर सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, लुधियाना ने कार्यशाला के अनुशंसा की जानकारी दी। उन्होंने केवीके द्वारा जिले में सूक्ष्म जलवायु स्थितियों में प्रौद्योगिकियों का आकलन करने उन्हें मान्य करने और उपयुक्त प्रौद्योगिकियों को बढ़ाने के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया।
जोन-I के लगभग 69 केवीके और पाँच एटीआईसी ने 6 तकनीकी सत्रों के दौरान वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए अपनी प्रगति प्रस्तुत की।
कार्यशाला के दौरान बागवानी, जैविक खेती और 'ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए चीन की रणनीति: भारत के लिए सबक' आदि के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान भी दिए गए।
कार्यशाला में भाकृअनुप और केवीके के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, लुधियाना)
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