27 अप्रैल, 2019, बेंगलुरु
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु ने विस्तार निदेशालय, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़ के सहयोग से वर्ष 2019-20 के मद्देनजर कर्नाटक के कृषि विज्ञान केंद्रों (जोन-XI) के लिए 25 से 27 अप्रैल, 2019 तक एक कार्य योजना कार्यशाला का आयोजन किया।
डॉ. एम. बी. चेट्टी, कुलपति, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़ ने बतौर मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा प्रौद्योगिकी मूल्यांकन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने और किसानों के लिए जारी नई प्रौद्योगिकियों/किस्मों के प्रसार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इससे किसानों के ज्ञान और आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
डॉ. एम. जे. चंद्रे गौड़ा, निदेशक, अटारी, बेंगलुरु ने कहा कि केवीके एक्शन प्लान को हाल की तकनीकों/किस्मों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिससे उर्वरकों, कीटनाशकों और जड़ी-बूटियों के अतिरिक्त उपयोग को रोककर खेती की लागत को कम किया जा सके और उपयुक्त कृषि मशीनीकरण को अपनाकर श्रम लागत को कम किया जा सके।
डॉ. एन. ए. येलेधल्ली, निदेशक (विस्तार) यूएएस, धारवाड़ ने इससे पहले विभिन्न राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और भाकृअनुप संस्थानों के गणमान्य व्यक्तियों, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का स्वागत किया। उन्होंने कर्नाटक में भाकृअनुप संस्थानों से किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसल विविधीकरण, मृदा और जल प्रबंधन और कटाई के बाद की तकनीकों पर काम करने के लिए केवीके के मार्गदर्शन करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
75 से अधिक वरिष्ठ वैज्ञानिकों और प्रमुखों, विभिन्न राज्य कृषि विषविद्यालयों के विशेषज्ञों, कर्नाटक के भाकृअनुप संस्थानों और यूएएस, धारवाड़ के संकाय ने कार्यशाला में भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु)
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