3 नवंबर, 2025, अविकानगर
भाकृअनुप-केन्द्रीय बकरी अनुसन्धान संस्थान, फराह, मखदुम, मथुरा, उत्तरप्रदेश, की क्यूआरटी टीम द्वारा देशभर के विभिन्न राज्यों मे बकरी क़ी अलग अलग नस्लों पर चलाई जा रही आल इंडिया नेटवर्क प्रोजेक्ट ऑन गोट परियोजनाओ क़ी पंचवर्षीय समीक्षा टीम बैठक आज भाकृअनुप-केद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान, अविकानगर, में आयोजित किया गयाl

क्यूआरटी टीम के चेयरमैन, डॉ. एच. रहमान, पूर्व उप-महानिदेशक (पशु विज्ञान), भाकृअनुप एवं टीम सदस्यों में, डॉ कुसुमाकर शर्मा, सहायक महानिदेशक, भाकृअनुप, डॉ एस.एम.के. नकवी, पूर्व निदेशक, अविकानगर, प्रोफेसर डॉ गोपाल दिनाकर राज, डॉ. एस.एम. शिवप्रकाश, ऑनलाइन जुड़े डॉ आर.एस. गाँधी आदि द्वारा अविकानगर संस्थान की सिरोही बकरी परियोजना के फार्म पर भ्रमण के साथ किसान-वैज्ञानिक संवाद एवं सिरोही बकरी वितरण कार्यक्रम मे भाग लेकर उपस्थित बकरी पालक किसानों से वर्तमान, भविष्य क़ी विभिन्न पहुंलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
डॉ. रहमान द्वारा बकरी एवं भेड़ को भविष्य का पशु बताते हुई वर्तमान मे वैज्ञानिक तरीके से पालन करने का निवेदन किया, जिससे किसानों को अधिकतम आमदनी के साथ प्रति पशु उत्पादन ज्यादा होl उन्होंने बताया कि वर्तमान मे कम होते सार्वजनिक चरागाह एवं बढ़े पशुओ मे बढ़ती लागत के बीच भेड़ बकरी का पालन अच्छा आजीविका का व्यवसाय हैl वर्तमान मे गांवो मे महिला सशक्तिकरण के लिए भेड़ बकरी पालन मे असीम सम्भावना है।
समीक्षा बैठक को आयोजित करने में, डॉ मनीष कुमार चेटली, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, डॉ गुरुराज, प्रभारी, पीएमई, डॉ एम.के. सिंह, पीआई नेटवर्क प्रोजेक्ट ऑन गोट द्वारा बकरी संस्थान की नेटवर्क प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस में आ रही समस्याओ एवं भविष्य के हिसाब से आवश्यक मुलभुत सुविधाओ के बारे मे विस्तार से क्यूआरटी चेयरमैन एवं सदस्यों को दिया गयाl क्यूआरटी टीम द्वारा मालपुरा तहसील के चाँदसेन एवं टोरडी गांवो के दस अनुसूचित जाति के किसानो को एक-एक सिरोही बकरी का वितरण उनकी आजीविका बढ़ाने के लिए किया गयाl
डॉ. अरुण कुमार तोमर एवं डॉ. सिद्धार्थ सारथी मिश्रा द्वारा सिरोही बकरी परियोजना के कार्य पर विस्तार से जानकारी क्यूआरटी टीम को दिया गया। साथ ही संस्थान द्वारा की जा रही गतिविधियों के बारे मे विस्तार से जानकारी साझा की गई।
वितरण कार्यक्रम मे 70 से ज्यादा बकरी पालन किसानों ने भाग लेकर अपने विचार एवं आवश्यक सुझाव क्यूआरटी टीम को दिया गया।
(स्रोतः भाकृअनुप-केद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान, अविकानगर)








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