16 अक्टूबर, 2025, नरेन्द्रपुर
भूख मुक्त, पौष्टिक एवं सतत खाद्य प्रणाली के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, सस्य श्यामला कृषि विज्ञान केन्द्र (रामकृष्ण मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट), नरेन्द्रपुर ने भाकृअनुप–कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में विश्व खाद्य दिवस 2025 का सफल आयोजन किया। इस वर्ष का वैश्विक विषय था – “बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य के लिए मिलकर कदम बढ़ाएं।”
इस अवसर पर डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, अटारी, कोलकाता, मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल माध्यम से जुड़े। अपने सारगर्भित व्याख्यान में उन्होंने खाद्य सुरक्षा के विविध आयामों पर चर्चा करते हुए कृषि एवं उससे संबंधित क्षेत्रों की परस्पर कड़ी को स्पष्ट किया। डॉ. डे ने बेहतर भोजन उत्पादन, सतत भविष्य और जन स्वास्थ्य के लिए साझेदारी एवं सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल देते हुए वन हेल्थ अवधारणा को बायो फोर्टिफाइड किस्मों के प्रसार और इसे अपनाने तथा इससे जोड़ने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ, डॉ. स्वगत घोष, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र के स्वागत संबोधन से हुआ। उन्होंने सतत कृषि पद्धतियों, खाद्य सुरक्षा तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत खाद्य तंत्र के निर्माण में सामूहिक जिम्मेदारी के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञों द्वारा आयोजित विचार-विमर्श सत्र में कृषि एवं खाद्य क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों से निपटने हेतु व्यावहारिक नवाचारों एवं स्थानीय स्तर पर अपनाए जा सकने वाले उपायों पर चर्चा की गई।
ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्थानीय महिला किसानों को 50 बत्तख के बच्चे (डकलिंग्स) का वितरण किया गया, जिससे पोषण सुरक्षा तथा आय सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
इस आयोजन में किसानों, शोधकर्ताओं और स्थानीय हितधारकों सहित 50 प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और सतत, पौष्टिक तथा भूख मुक्त खाद्य प्रणाली के समर्थन में संकल्प भी लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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