27- 31 दिसंबर, 2022, नमक्कल
इस कार्यक्रम के माध्यम से किसानों में स्वरोजगार गतिविधि एवं आय सृजन को बढ़ाना उद्देश्य है। भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी, हैदराबाद ने 27-31 दिसंबर, 2022 तक अनुसुचित जाति के किसानों के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके), तनुवास नमक्कल, तमिलनाडु के सहयोग से एससीएसपी योजना के तहत "बैकयार्ड पोल्ट्री" पर पांच दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।


कार्यक्रम में तमिलनाडु के नमक्कल जिले के नरैकिनारु, थूसुर, मुत्तनचेट्टी, पिलिपकुट्टई और मुथुगापट्टी गांवों के 40 अनुसूचित जाति के किसानों ने भाग लिया। यहां किसानों ने कार्यक्रम के सभी सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसे संस्थान द्वारा बैकयार्ड पोल्ट्री के विभिन्न पहलुओं पर उन्हें शिक्षित किया गया।
डॉ. चिरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-नार्म ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि उन्नत कुक्कुट किस्मों को शुरू करने के साथ-साथ किसानों के लिए भोजन, आवास, रोग निवारण और प्रबंधन में वैज्ञानिक कौशल द्वारा विकास से ग्रामीण किसानों की आय और जीवन स्तर में वृद्धि होगी, साथ ही, इसके लिए, किसानों को उनका पोल्ट्री किट वितरित किया जाएगा।
डॉ. एम. सेल्वराजू, डीन, वेटरनरी कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, नामक्कल ने प्रशिक्षुओं को बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग को एक आय सृजन गतिविधि के रूप में सफलतापूर्वक अपनाने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. वी. अप्पाराव निदेशक, विस्तार शिक्षा, टीएएनयूवीएएस, चेन्नई ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि, आवासीय परिसर में मुर्गी पालन से परिवार की आय में वृद्धि हो सकती है क्योंकि इसमें कम लागत एवं निवेश शामिल है लेकिन उच्च आर्थिक लाभ सृजन निहित है।
इससे पहले, डॉ. एस. अलगुदुरई, एसोसिएट प्रोफेसर तथा प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, नमक्कल ने स्वागत संबोधन दिया।
समापन कार्यक्रम में प्रतिभागियों को असील के चूजे और फीडर उपकरण वितरित किए गए।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी, हैदराबाद)
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