16-20 जनवरी, 2022, बरेली
कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके), भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर एवं भाकृअनुप-केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर द्वारा कुक्कुट पालन उद्यमिता विकास पर ग्रामीण बेरोजगार युवाओं, कृषकों एवं कृषक महिलाओं हेतु पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के आरंभ मे, डॉ. बी.पी. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र ने अपने संबोधन में बताया की घर आंगन मे कुक्कुट पालन द्वारा ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं इसके साथ ही परिवार मे कुपोषण की समस्या को भी कम कर सकती हैं।


इस अवसर पर, डॉ. एम.पी. सागर, प्रधान वैज्ञानिक, केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान ने वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों पर व्याख्यान दिया तथा सफल कृषकों का उदाहरण देकर बताया की किस प्रकार नवीन कुक्कुट पालन प्रौद्योगिकियां युवाओं के लिए स्वरोजगार का साधन साबित हो रही है।
इस पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कृषकों को घर-आंगन मे कुक्कुट पालन एवं प्रबन्धन, अंडे उत्पादन हेतु लेयर कुक्कुट का प्रबन्धन, मिनी एग इनक्यूबेटर द्वारा चूज़ो का उत्पादन, माँस उत्पादन हेतु ब्रोईलर कुक्कुट का प्रबन्धन, कुक्कुट की सामान्य बीमारियाँ तथा निदान, बटेर पालन, कुक्कुट माँस एवं अंडो का प्रसंस्करण तथा मूल्यवर्धन, मछली सह कुक्कुट पालन और घर आँगन कुक्कुट फार्म का प्रबंधन एवं स्थापना लागत जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान आयोजित कर जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम मे कृषकों ने कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रदर्शन फार्म में मत्स्य सह कुक्कुट पालन इकाई का भी भ्रमण किया तथा चलचित्र के माध्यम से केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान द्वारा स्थापित गिरि ग्राम तकनीकी पार्क के बारे मे भी जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम के समापन समारोह मे, डॉ. महेश चन्द्र, संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा ने कृषकों से प्रशिक्षण से संबंधित प्रतिक्रिया प्राप्त की तथा कुक्कुट पालन की उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होने कृषकों को आगे भी कृषि, पशु पालन एवं मत्स्य संबंधी नवीन जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़े रहने की सलाह दी एवं सभी प्रशिक्षनार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी प्रदान किए।
कार्यक्रम में बरेली, पीलीभीत, रामपुर तथा दिल्ली से 25 कृषकों (3 महिला कृषक सहित) ने प्रतिभागिता दर्ज कराई।
(स्रोतः केवीके,भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली)
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