सार्वजनिक क्षेत्र संगठनों के साथ पूल संसाधन और सहभागिता आवश्यक : शरद पवार
नई दिल्ली, 23 मई 2011
‘ कृषि अनुसंधान एवं विकास को आधुनिक बनाने के लिए यह आवश्यक है कि निजी एवं सार्वजनिक दोनों क्षेत्र पूल संसाधन और कार्य सहयोग पर ध्यान केंद्रित करें। ऐसा अग्रिम पीढ़ी के प्रौद्योगिकियों के लिए गहन कृषि अनुसंधान पर वांछित पहल के माध्यम से किया जा सकता है।’ यह बात माननीय श्री शरद पवार, केंद्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उ़द्योग मंत्री ने आज भा.कृ.अनु.प.- भा.उ.प उद्योग सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कही।
बैठक के उद्घाटन सत्र में दिए गए अपने उद्बोधन भाषण में माननीय कृषि मंत्री ने वर्ष 2010-11 के दौरान हुए 235.88 मिलियन टन रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन पर संतोष व्यक्त किया तथा साथ ही गेहूं की खरीद और तेल-बीज उत्पादकता को ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद जताई। श्री पवार ने उद्योग जगत से अपील करते हुए कहा कि वे ग्रामीण इलाकों में कौशल विकास आधारित कार्यक्रमों में भागीदारी बढाएं। इससे न सिर्फ कृषि व्यवसाय के लिए कुशल मानव संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे, बल्कि अन्य औद्योगिक गतिविधियों के लिए भी कौशलयुक्त मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके साथ ही ग्रामीण आबादी के लिए लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं।
श्री हरीश रावत, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री ने अपने उद्बोधन में भा.कृ.अनु.प.-भा.उ.प उद्योग सम्मेलन के आयोजन में भागीदारी के लिए भा.कृ.अनु.प. और भा.उ.प की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इससे कृषि क्षेत्र में सरकार के विकास और लक्षित विकास रणनीति के संपूर्ण दृष्टिकोण के मद्देनजर कृषि अनुसंधान और विकास के उन्नत परिणामों को लोगों तक पहुंचाने के आयोजकों के प्रयास को बढ़ावा मिलता है। श्री रावत ने आशा व्यक्त की कि भा.कृ.अनु.प.-भा.उ.प उद्योग सम्मेलन में आपसी विचार-विमर्श से भा.कृ.अनु.प. और उद्योग को आपसी समझ और संचालन का दायरा विकसित करने का सही अवसर मिलेगा, जिससे साझा भागीदारी से होने वाले मूल्य सृजन, मूल्य सुरक्षा, मूल्य भागीदारी, मूल्य वापसी का फायदा उठाया जा सके और मूल्य श्रृंखला के साथ ही आय और रोजगार सृजन के अवसरों की तलाश की जा सके। उन्होंने कहा कि नए और आर्थिक रूप से उपयोगी ज्ञान के विकास और प्रयोग के लिए निजी एवं सार्वजनिक भागीदारी एक अच्छी संभावना के रूप में उभर रही है। इससे अन्वेषण प्रक्रिया में और भी सुधार आएगा।
इससे पूर्व डा. एस. अय्यप्पन, सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) तथा महानिदेशक, भा.कृ.अनु.प. ने परिषद द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया, जो कि सहायक कृषि मशीनरी, मूल्य संवर्द्धन खाद्य उत्पाद आदि से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि भा.कृ.अनु.प.-भा.उ.प और प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण के मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि भा.कृ.अनु.प. को 58 पेटेंट आवेदन प्रदान किए गए हैं। डा. अय्यप्पन ने बताया कि भविष्य में उद्योगों के साथ साझेदारी करने के लिए भा.कृ.अनु.प. कार्यात्मक साझेदारी, संयुक्त पहल और सहयोगी मोड में संयुक्त कार्य समूह के विकास की दिशा में कार्य कर रहा है।
श्री राकेश भारती मित्तल, अध्यक्ष, भा.उ.प राष्ट्रीय कृषि परिषद तथा कुलपति व प्रबंध निदेशक, भारती इंटरप्राइसेस लिमिटेड ने भा.कृ.अनु.प. को धन्यवाद देते हुए कहा कि भा.कृ.अनु.प. ने एक ऐसा मंच प्रदान किया है, जो अंतिम लक्ष्य अर्थात ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने में मददगार सिद्ध होगा। इसके साथ ही उन्होंने आशा व्यक्त की कि बैठक के माध्यम से किसानों से विचार-विमर्श और प्रयोगशालाओं में किए गए अनुसंधान कार्य को बढ़ावा मिलेगा।
श्री अशोक सिन्हा, सचिव, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग ने अपने भाषण में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की भूमिका के विषय में सविस्तार से चर्चा की।
डा. गोकुल पटनायक, अध्यक्ष, ग्लोबल एग्री सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड ने वैज्ञानिकों को विस्तार, विपणन, कौशल विकास और प्रबंधन के क्षेत्र में उद्योगों के साथ सक्रिय सहयोग का सुझाव दिया।
भा.कृ.अनु.प.-भा.उ.प उद्योग सम्मेलन-2011 कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य कर रहे उद्योगों को मजबूत बनाने के लिए भा.कृ.अनु.प. और भा.उ.प के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। बैठक के तकनीकी सत्र में उद्योग की अनुसंधान एवं विकास आवश्यकताएं, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं कृशि व्यापार विषय पर चर्चा की जाएगी। बैठक में भा.कृ.अनु.प. के वरिष्ठ अधिकारी, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, उद्योग प्रतिनिधि और प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।
श्री राजीव महर्षि, अपर सचिव, डेयर और सचिव, भा.कृ.अनु.प. ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। डा. एस. मौर्या, सहायक महानिदेशक, बौद्धिक संपदा और प्रौद्योगिकी प्रबंधन ने अतिथियों को धन्यवाद दिया।
(स्रोत : एनएआईपी सब-प्रोजेक्ट मास-मीडिया मोबिलाइजेशन, डीकेएमए )
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