केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री द्वारा भाकृअनुप-राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र नई दिल्ली के अनुसंधान एवं प्रशासनिक भवन का उद्घाटन

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री द्वारा भाकृअनुप-राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र नई दिल्ली के अनुसंधान एवं प्रशासनिक भवन का उद्घाटन

28 फरवरी, 2024, नई दिल्ली

भाकृअनुप-राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र, नई दिल्ली के नवनिर्मित अनुसंधान एवं प्रशासनिक भवन का उद्घाटन आज केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री अर्जुन मुंडा के कर कमलों द्वारा किया गया।

अपने उदघाटन संबोधन में श्री मुंडा ने कहा कि यह केन्द्र फसलों में लगने वाले कीटों एवं रोगों के प्रबंधन हेतु आईपीएम के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा परिचालित परियोजनाओं के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों के किसानों के खेतों में आईपीएम तकनीकी का सत्यापन किया गया है, जिससे फसल सुरक्षा के साथ-साथ किसोनों की आय में भी बरोढ़त्तरी हुई है। केन्द्र द्वारा विभिन्न आईपीम मॉड्यूल विकसित किए गए है तथा कीटों एवं रोगों की निगरानी के लिए मोबाइल एप भी विकसित किया गया है। केन्द्रीय मंत्री न आगे कहा कि स्वस्थ मृदा एवं वातावरण हेतु किसानों को रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर जैविक जैवनाशकों के उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

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श्री कैलाश चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने उल्लेख किया कि केन्द्र को नित नए शोध के लिए इस भवन की आवश्यकता है, और अब वैज्ञानिक पूरी निष्ठा से इस नए भवन में शोध के द्वारा किसोनों को लाभान्वित करेंगे। उन्होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने सदैव ही कृषि में बुनियादी ढ़ांचे के विकास पर जोर दिया है। श्री चौधरी ने आईपीएम क्षेत्र में नए मोड्यूल विकसित करने व पौध संरक्षण को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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सुश्री शोभा करंदलाजे, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने मूल्य संवर्धन के साथ-साथ प्राकृतिक खेती के विकल्पों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉ. रमेश विधूड़ी, सांसद (लोकसभा), दक्षिणी दिल्ली ने नए भवन के लिए बधाई दी तथा कहा कि यह भवन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कार्यों में नया आयाम जोड़ेगी।

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डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने अपने संबोधन में बताया कि केन्द्र पौध संरक्षण के क्षेत्र में किसानों की काफी मदद कर रहा है, जिससे किसानो द्वारा फसलो पर किये जाने वाले रासायनिक छिड़काव के साथ-साथ उस पर कियो जाने वाले व्यय में काफी कमी आई है। भाकृअनुप विभिन् कृषि-जलवायु परिस्थितियों में मिट्टी तथा जल संरक्षण, सटीक खेती,रेशम उत्पादन, बांस की खेती, हाई टेक कृषि, बेहतर डेयरी, बकरी पालन, मुर्गी पालन, आईएफएस मॉडल, महिला उद्यमिता आदि तथा तकनीकी प्रसार के लिए सदैव तत्पर रहा है।

डॉ. तिलक राज शर्मा, उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान) भाकृअनुप ने अपने स्वागत संबोधन में अनुसंधान एवं प्रशासनिक भवन के समय पर पूरा होने की सराहना की तथा पिछले पांच वर्षों के दौरान केन्द्र की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

डॉ. शुभाष चन्द्र, निदेशक, राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती, आधुनिक ज्ञान के साथ पारंपरिक ज्ञान को एकीकृत करने, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने का आग्रह किया।

इस अवसर पर भाकृअनुप के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न संस्थानों के  निदेशक, एवं किसानों सहित 300 से अधिक प्रतिभागियों ने शिरकत की।

(स्रोतः भाकृअनुप- राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र, नई दिल्ली)

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