21 जनवरी, 2017, अजमेर
भाकृअनुप- राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र, तबीजी, अजमेर द्वारा आज 18 स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर ‘किसान समृद्धि तथा आजीविका सुरक्षा के लिए बीजीय मसाला’ शीर्षक से राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन 21-22 जनवरी, 2017 को किया गया।


डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव, डेयर व महानिदेशक भाकृअनुप ने अपने अध्यक्षीय भाषण में केन्द्र की अनुसंधान उपलब्धियों तथा कार्यों की सराहना की। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा हितधारकों तक पहुंचने के लिए आईसीटी के प्रयोग तथा ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मूल्यवान सूचनाओं के प्रसार पर बल दिया। डॉ. महापात्र ने कहा कि मोबाइल ऐप तथा आईसीटी हितधारकों तथा विशेष रूप से किसानों तक पहुंचने के लिए सशक्त माध्यम हैं।
पद्म भूषण डॉ. आर.एस. परोदा, चेयरमैन, टीएएसएस (टास), नई दिल्ली व पूर्व सचिव डेयर एवं महानिदेशक भाकृअनुप इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान के तहत आदर्श संस्थान के रूप में सफाई रखने तथा प्लास्टिक व गाजरघास से परिसर को मुक्त रखते हुए केन्द्र में सौर ऊर्जा सुविधा का विकास करने के लिए संस्थान की प्रशंसा की।
डॉ. टी. जानकीराम द्वारा एनआरसीएसएस अनुसंधान कार्य एवं इन फसलों से संबंधित समस्याओं का उल्लेख किया गया।
डॉ. उमा शंकर शर्मा, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा किसानों के आय स्तर को बढ़ाने के लिए मूल्य संवर्धन तथा उपायों, फसल सुरक्षा विधियों तथा किसानों के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी संबंधी कार्यों पर संतोष व्यक्त किया तथा क्षेत्र विशेष मसाला फसलों के लिए किए गए कार्यों की सराहना की।
डॉ. गोपाल लाल, निदेशक, आईसीएआर- एनआरसीएसएस ने संस्थान की हालिया मुख्य उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्रदान की।
भाकृअनुप संस्थानों के निदेशकगण, विभिन्न कृषि अनुसंधान संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों व मसाला उद्यमों से जुड़े हुए वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों और प्रगतिशील किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया।








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