1 दिसंबर, 2016, नई दिल्ली
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा की उपस्थिति में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा पशुजनित रोगों, रोगाणुरोधी प्रतिरोधकता, पोषण तथा कीटनाशक अवशेष पर स्वास्थ्य केन्द्रों के तहत एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। यह सहयोग मनुष्यों के साथ ही बेहतर पशु स्वास्थ्य संबंधी विषय पर आधारित है। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी शामिल हुए।


डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भाकृअनुप तथा डॉ. सौम्या स्वामीनाथन, सचिव, डीएचआर एवं महानिदेशक, आईसीएमआर द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।
समझौता ज्ञापन से दोनों संगठनों के बीच आपसी संबंध तथा सहयोग में सक्रियता एवं मजबूती आएगी। इस आपसी सहयोग से पशुओं के चारे में एंटीबायोटिक के उपयोग तथा इसके पर्यावरण में फैलने को रोकने के लिए रोगाणु प्रतिरोधकता पर राष्ट्रीय कार्य योजना के लिए मार्गदर्शक आदानों के विकास संबंधी उद्देश्य की पूर्ति होगी।
पशुजनित बीमारियां पशुओं तथा मनुष्यों में मध्यम से लेकर गंभीर तथा प्राणघातक विभिन्न प्रकार के रोगों को जन्म देती हैं। यह जानना आवश्यक है कि रोगकारक बीमारियों से ग्रस्त पशु बीमार दिखे ऐसा आवश्यक नहीं है। बहुत से पशु स्वस्थ दिखते हुए भी मनुष्यों को बीमार बनाने वाले रोगकारकों या रोगाणुओं के वाहक हो सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार मनुष्यों को प्रभावित करने वाली प्रति 10 ज्ञात संक्रामक बीमारियों में छह से ज्यादा पशुओं द्वारा पैदा होती हैं तथा मनुष्य को प्रभावित करने वाली 4 नई या उभरने वाली संक्रामक बीमारियों में से 3 पशुजनित होती हैं।
यह समझौता एकल स्वास्थ्य मानदंड को आवश्यक बनाता है जिसमें पालतू व जंगली जानवरों में संक्रामक/ पशुजनित बीमारियों जिसके द्वारा मनुष्यों में उभरने वाले नए पशुजनित रोगों/बीमारियों की निगरानी को शामिल किया जा सके।
आईसीएआर तथा आईसीएमआर द्वारा एकल स्वास्थ्य सुविधा के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा कृषि विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में प्रशिक्षण एवं अनुसंधान प्रगति को गति एवं बढ़ावा देने के लिए साझे लक्ष्य से प्रेरित होकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया गया।
डॉ. सी.के. मिश्रा, सचिव (एच एंड एफडब्ल्यू); डॉ. एच. रहमान, उपमहानिदेशक (पशु विज्ञान), भाकृअनुप; डॉ. राकेश कुमार, उपमहानिदेशक, (प्रशासन), आईसीएमआर तथा आईसीएआर एवं आईसीएमआर के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
(स्रोतः सीपीआरओ, आईसीएआर)








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