26 नवम्बर, 2016, कल्याणी, पश्चिम बंगाल
श्री सुरेन्द्रजीत सिंह अहलुवालिया, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री द्वारा" उत्तर-पूर्वी भारत के जनजातीय किसानों के लिए मछली पालन व अन्य संबंधित कृषि विधियां" विषय पर चार दिवसीय उत्तर-पूर्वी जनजातीय बैठक का उद्घाटन 26 नवम्बर, 2016 को किया गया। इस बैठक का आयोजन भाकृअनुप- केन्द्रीय ताजा जलजीव पालन संस्थान, रहारा तथा भारतीय किसान संघ, कल्याणी, पश्चिम बंगाल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।


श्री अहलुवालिया ने भाकृअनुप- सीफा द्वारा देश के दूसरे राज्यों तथा उत्तर-पूर्वी पर्वतीय राज्यों में जलजीव विकास के लिए जारी विभिन्न गतिविधियों की सराहना की। उन्होंने पोषक आहार के रूप में मछली के महत्व तथा एकीकृत कृषि प्रणाली और देश में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए जल निकायों में सुधार के महत्व के बारे में चर्चा की।
श्री परिमल शुक्लवैद्य, मात्स्यिकी मंत्री, लोक निर्माण विभाग व उत्पाद शुल्क, असम ने राज्य में भाकृअनुप-सीफा की गतिविधियों की प्रशंसा की तथा भाकृअनुप –सीफा को राज्य मात्स्यिकी विभाग के बेहतर सहयोगी के रूप में सराहना की।
श्री जयंत नसकर, विधायक, गोसाबा, सुंदरबन ने अपने संबोधन में झींगा पालन के प्रौद्योगिकी के मानकीकरण का आग्रह किया।
डॉ. पी. जयशंकर, निदेशक, भाकृअनुप –सीफा ने संस्थान की प्रौद्योगिकियों की सहायता से जनजातीय समुदाय की आजीविका में बढ़ोतरी के लिए ताजा जलजीव पालन की भूमिका के महत्व पर बल दिया।
भाकृअनुप एवं उत्तर –पूर्वी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा वैज्ञानिकों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
लगभग 100 जनजातीय किसानों तथा 400 जनजातीय छात्रों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
(स्रोतः भाकृअनुप – केन्द्रीय ताजा जलजीव पालन, भुबनेश्वर)








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