6 अक्टूबर, 2016, भोपाल
डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भाकृअनुप द्वारा 6 अक्टूबर, 2016 को भाकृअनुप – राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (एनआईएचएसएडी), भोपाल की जैव-सुरक्षा स्तर- 3 प्रयोगशाला का दौरा किया गया।


संस्थान के स्टॉफ को संबोधित करते हुए डॉ. महापात्र ने संस्थान की उच्च गुणवत्तायुक्त अनुसंधान प्रकाशनों की प्रशंसा की और आणविक स्तर पर वायरल रोगाणुओं की प्रतिकृति में हस्तक्षेप करने के उपायों का पता लगाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
डॉ. वी.पी. सिंह, निदेशक, आईसीएआर- एनआईएचएसएडी ने संस्थान द्वारा जारी हालिया अनुसंधान गतिविधियों के बारे में जानकारी दी और पशु जनित संक्रमण से बढ़ते खतरे के मद्देनजर संस्थान के लिए आवश्यक बीएसएल-4 प्रयोगशाला की स्थापना के लिए आग्रह किया।
महानिदेशक महोदय के साथ डॉ. एस.के. चौधरी, सहायक महानिदेशक (मृदा प्रबंधन), डॉ. पी.के. अग्रवाल, सहायक महानिदेश (राष्ट्रीय कृषि विज्ञान फंड) और भोपाल स्थित भाकृअनुप के तीन संस्थानों के निदेशकगण, डॉ. के.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप - सीआईएई, डॉ. ए.के. पात्र, निदेशक, भाकृअनुप - आईआईएसएस और डॉ. एन.पी. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप – आईआईपीआर ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
‘पक्षी इन्फ्लूएंजा’ तथा ‘शूकर प्रजनन और श्वसन रोग’ पर दो हिंदी प्रकाशन गणमान्यों द्वारा जारी किए गए।
(स्रोत: भाकृअनुप - राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल)








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