भाकृअनुप–वीपीकेएएस अल्मोड़ा में "कृषि संरचनाओं तथा पर्यावरण प्रबंधन में प्लास्टिक इंजीनियरिंग पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना" की 21वीं वार्षिक कार्यशाला का आयोजन

भाकृअनुप–वीपीकेएएस अल्मोड़ा में "कृषि संरचनाओं तथा पर्यावरण प्रबंधन में प्लास्टिक इंजीनियरिंग पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना" की 21वीं वार्षिक कार्यशाला का आयोजन

28 अक्टूबर, 2025, अल्मोड़ा

भाकृअनुप–विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (वीपीकेएएस), अल्मोड़ा  में 30 अक्टूबर से 1 नवम्बर, 2025 तक "कृषि संरचनाओं और पर्यावरण प्रबंधन में प्लास्टिक इंजीनियरिंग पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की 21वीं वार्षिक कार्यशाला” का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला कृषि संरचनाओं एवं पर्यावरण प्रबंधन में प्लास्टिक इंजीनियरिंग के प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहित करने तथा संरक्षित खेती से संबंधित नवीनतम प्रौद्योगिकियों एवं अनुसंधान निष्कर्षों के आदान-प्रदान हेतु एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगी।

 

कार्यशाला के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. एस.एन. झा, उप-महानिदेशक (इंजीनियरिंग), भाकृअनुप तथा  विशिष्ट अतिथि के रूप में होंगे डॉ. के. नरसैय्या, सहायक महानिदेशक (प्रोसेस इंजीनियरिंग), भाकृअनुप; डॉ. नचिकेत कोटवालीवाले, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय कटाई उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना; तथा डॉ. राकेश शारदा, परियोजना समन्वयक, "कृषि संरचनाओं और पर्यावरण प्रबंधन में प्लास्टिक इंजीनियरिंग पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना" उपस्थित रहेंगे।

कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों में स्थित 14 सहयोगी केन्द्रों — अल्मोड़ा (उत्तराखंड), भुवनेश्वर (ओडिशा), लुधियाना (पंजाब), अबोहर (पंजाब), उमियम (मेघालय), जूनागढ़ (गुजरात), रांची (झारखंड), श्रीनगर (जम्मू एवं कश्मीर), गंगटोक (सिक्किम), उदयपुर (राजस्थान), डापोली (महाराष्ट्र), दिरांग (अरुणाचल प्रदेश), मखदूम (उत्तर प्रदेश) तथा रायचूर (कर्नाटक)  के लगभग 50 से अधिक वैज्ञानिक, कृषि अभियंता, नीति निर्माता एवं प्रसार कार्यकर्ता भाग लेंगे।

इसका प्रमुख उद्देश्य कृषि में प्लास्टिक के वैज्ञानिक एवं स्थायी उपयोग को बढ़ावा देना है, जिसके अंतर्गत विभिन्न कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप प्लास्टिक आधारित कृषि संरचनाओं, जैसे- सिंचाई, भंडारण, पशु आवास एवं हैंडलिंग सिस्टम का विकास, संरक्षित खेती एवं एक्वाकल्चर संरचनाओं का निर्माण जो जलवायु परिवर्तन एवं फसल प्रणाली के अनुकूल हों, तथा परिवहन एवं पैकेजिंग प्रणालियों का विकास ताकि नाशवंत कृषि उत्पादों का संरक्षण और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। साथ ही इन मुद्दों को संवाद के प्रमुख के बिंदु  के रूप में रखा गया है।

यह कार्यशाला पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो कृषि क्षेत्र में प्लास्टिक इंजीनियरिंग, नवाचार एवं पर्यावरणीय प्रबंधन के नए आयाम प्रस्तुत करेगा तथा सतत एवं तकनीकी रूप से सुदृढ़ कृषि प्रणाली के विकास में सहायक भी बनेगा।

(स्रोतः भाकृअनुप–विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)  

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