24-27 जुलाई, 2019, कोचीन
भाकृअनुप-केंद्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, कोचीन ने 24 से 27 जुलाई, 2019 के दौरान संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के साथ शार्क के उपयोग और व्यापार पर चार दिवसीय वैश्विक विशेषज्ञ बैठक की मेजबानी की। एफएओ और भाकृअनुप-सीएमएफआरआइ के बीच एक सहयोगी अनुसंधान परियोजना के हिस्से के बतौर अंतरराष्ट्रीय बैठक का आयोजन किया गया था। शोधकर्ताओं को एक साथ एक स्पेक्ट्रम में लाकर शार्क की निगरानी के लिए विकसित की जाने वाली विभिन्न पद्धतियों का वर्णन करना इसके उद्देश्यों में शामिल था। हितधारकों और पर्यावरण दोनों के लाभ के लिए इस वाणिज्यिक संसाधन के दीर्घकालिक मूल्य का प्रबंधन और अनुकूलन करने हेतु इन प्रजातियों के मूल्य श्रृंखला की मैपिंग की आवश्यकता पर बल दिया गया।
दुनिया भर में मौजूदा शार्क और रे मछली के प्रबंधन में आवश्यक मूलभूत जानकारी और ज्ञान अंतराल को संबोधित करने हेतु बैठक अच्छी तरह से सूचित दिशा-निर्देशों को प्रकाशित करने के लिए एक फ्रेम वर्क के साथ आयोजित की गई थी। इस फ्रेमवर्क का उपयोग सभी देश ऐसे असुरक्षित समुद्री संसाधन समूह के व्यापार को बढ़ावा देने, डेटा संग्रह में सुधार करने और मूल्य श्रृंखलाओं की मैपिंग करने में कर सकते हैं।
डॉ. किम फ्रीडमैन, वरिष्ठ मत्स्य संसाधन अधिकारी, एफएओ ने उन चर्चाओं का नेतृत्व किया जो मुख्य रूप से वैश्विक स्तर पर शार्क और रे वस्तुओं के उपयोग, बाजारों और बाजार श्रृंखला पर जानकारी एकत्र करने और रिपोर्टिंग के लिए परिष्कृत रणनीति विकसित करने पर केंद्रित थीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में डेटा की भारी कमी है, जिसमें इन संसाधनों के निर्यात सहित उपभोग, स्थानीय और खुदरा बिक्री पर प्रजातियों और वस्तु आधारित जानकारी शामिल है।
डॉ. ए. गोपालकृष्णन, निदेशक, भाकृअनुप-सीएमएफआरआइ ने शार्क और रेज के संरक्षण और टिकाऊ उपयोग में भाकृअनुप-सीएमएफआरआइ की अनुसंधान उपलब्धियों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि संस्थान पहले ही शार्क, नॉन-डिटर्मेंट फाइंडिंग्स प्रलेखन और विकसित किए गए 100 से अधिक इलास्मोब्रैन्च (शार्क, रे और गिटार मछली) प्रजातियों के डीएनए बारकोड के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई योजना मार्गदर्शिका विकसित कर चुका है जो प्रजातियों की पहचान की सुविधा प्रदान करता है।
बैठक विचारों को साझा करने और शार्क व्यापार पर डेटा संग्रह प्रक्रिया में मुद्दों से निपटने के नए तरीके खोजने में सफल रही। क्षेत्र में इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एक व्यापक दिशा-निर्देश विकसित करने का प्रस्ताव किया गया था।
इस बैठक से भारत में शार्क मछली पालन पर एक रचनात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है जहाँ शार्क व्यापार की पूर्ण मूल्य श्रृंखला की मैपिंग बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि शार्क के हर हिस्से का एक रूप में या दूसरे रूप में उपयोग किया जाता है।
बैठक में रोम, इटली के एफएओ के प्रतिनिधियों सहित यूके, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, मलेशिया, श्रीलंका, नाइजीरिया, सोमालिया, म्यांमार और नामीबिया के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
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