अंतर्स्थलीय मत्स्य प्रबंधन पर मयूरभंज, ओडिशा के जनजातीय महिला स्वयं-सहायता समूहों की क्षमता निर्माण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

अंतर्स्थलीय मत्स्य प्रबंधन पर मयूरभंज, ओडिशा के जनजातीय महिला स्वयं-सहायता समूहों की क्षमता निर्माण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

28 जून से 2 जुलाई, 2019, बैरकपुर

भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर ने 28 जून से 2 जुलाई, 2019 तक अपने परिसर में 'अंतर्स्थलीय मत्स्य प्रबंधन' पर पाँच दिवसीय क्षमता निर्माण-सह-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

ओडिशा के मयूरभंज जिले के महिला स्वयं-सहायता समूहों के लिए आयोजित कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जनजातीय महिलाओं के ज्ञान, कौशल और अंतर्स्थलीय मत्स्य प्रबंधन के प्रति दृष्टिकोण और उनकी आजीविका में सुधार करना था।

डॉ. बी. के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-सिफरी ने 28 जून, 2019 को क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डॉ. दास ने आजीविका को सुरक्षित करने के लिए अंतर्देशीय मत्स्य प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर मछुआरों और किसानों के कौशल विकास के महत्त्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खुले जल अर्थात जलाशय, नहरों, सामुदायिक तालाबों आदि में मछली उत्पादन को बढ़ाने हेतु किसानों के व्यावहारिक कौशल को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम को लक्षित किया गया है।

Building-cum-Sensitization Programme on “Inland Fisheries Management”   Capacity Building of Tribal Women Self Help Groups of Mayurbhanj,

ओडिशा सरकार मिशन 'शक्ति' के तहत स्वयं-सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य और मिशन के साथ काम कर रही है। समाज के कमजोर वर्ग की आजीविका सुधार का समर्थन करने व बढ़ाने के उद्देश्य से भाकृअनुप-सिफरी ने अंतर्स्थलीय मत्स्य प्रबंधन में ग्रामीण महिलाओं की क्षमता के निर्माण के लिए ओडिशा सरकार के साथ हाथ मिलाया है।

ICAR-Central Inland Fisheries Research Institute, Barrackpore

प्रशिक्षण कार्यक्रम में 12 स्वयं-सहायता समूहों की 25 महिला-मछुआरों सहित कुल 31 मछुआरों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर)

×