7 नवंबर, 2016, नई दिल्ली
श्री अविनाश श्रीवास्तव, सचिव, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा ‘नियंत्रित वातावरण और धूमन’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन 7 नवम्बर, 2016 को किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि नई तकनीक, गोदामों की संरचना में सुधार, गोदामों में अनाज नियंत्रण हेतु यंत्रीकरण, वातावरण नियंत्रण व धूमन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फसल कटाई के बाद नुकसान को रोकने से उपभोग के लिए अधिक खाद्यान्न उपलब्ध होगा और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
श्री श्रीवास्तव ने देश और विश्व के उपभोक्ताओं के साथ ही किसानों के लाभ के लिए भंडारण व फसल उपरांत नुकसान से जुड़े विषयों पर उचित सुझावों से संबंधित अनुशंसाओं की आशा व्यक्त की।
छह दिवसीय यह सम्मेलन प्रत्येक चार वर्षों में एक बार आयोजित किया जाएगा जिसे पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले यह सम्मेलन कनाडा, यूएसए, ऑस्ट्रेलिया, चीन, सिंगापुर, तुर्की, इटली व साइप्रस जैसे देशों में आयोजित किया जा चुका है।
इस अवसर पर श्री सुनिल कुमार सिंह, अपर सचिव, डेयर एवं वित्त सलाहकार, भाकृअनुप ने यह आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन कीड़े व कीटों से अनाज सुरक्षा, विनियामक मुद्दों तथा अनाज के भंडारण से संबंधित विषयों से जुड़े उद्योगों, वैज्ञानिकों और अधिकारियों को विचार-विमर्श और संवाद के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
डॉ. के. अलगुसुंदरम, उपमहानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी), भाकृअनुप ने अपने संबोधन में इस सम्मेलन को भारतीय शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के लिए जागरूकता लाने वाला बताया जो रसायन मुक्त ध्रूमन तथा अन्य विकल्पों की खोज व रसायनों के प्रयोग घटाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
डॉ. एस. नवारो, अध्यक्ष, सीएएफ अंतर्राष्ट्रीय स्थायी समिति, डॉ. डी. एस. जायस, उपाध्यक्ष, अनुसंधान एवं इंटरनेशनल, यूनिवर्सिटी ऑफ मोनिटोबा, कनाडा एवं सचिव, सीएएफ अंतर्राष्ट्रीय स्थायी समिति ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
सम्मेलन में 450 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं जिनमें 23 देशों के 150 विदेशी प्रतिभागी हैं।
डॉ. वी.वी. रामामूर्ति, सह अध्यक्ष, आयोजन समिति, सीएएफ-2016 ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
(स्रोत: सीपीपीआरओ, आईसीएआर)
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