27 अक्टूबर 2016, नागपुर
डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव (डेयर) और महानिदेशक (भाकृअनुप) द्वारा भाकृअनुप – केन्द्रीय नींबू वर्गीय फल अनुसंधान संस्थान, नागपुर का दौरा किया गया तथा संस्थान के परिसर में किसान छात्रावास का शिलान्यास किया गया।
डॉ. महापात्र ने वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करते कैंकर प्रतिरोधी किस्मों, फाइटोफ्थोरा प्रतिरोधी मूलसामग्री, जायगोटिक पौध की पहचान, नींबू वर्गीय फसलों में मिश्रित खेती, फसल विविधीकरण, जलवायु अनुरूप प्रौद्योगिकियों के विकास, पलवार, ड्रिप सिंचाई, उर्वरक देना, नीम लेपित यूरिया जैसे संरक्षित विधियों को बढ़ावा देने पर बल दिया। इसके साथ ही उन्होंने रोग मुक्त स्वस्थ रोपण सामग्री, ई-विपणन और मूल्य श्रृंखला स्थापित करने की आवश्यकता के महत्व पर जोर दिया। डॉ. महापात्र ने भारत सरकार के कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से उद्यमशीलता को बढ़ावा देने, सृजन तथा प्रोत्साहन के लिए फसल उपरांत सम्पूर्ण पैकेजिंग के विकास के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर डॉ. महापात्र द्वारा आईसीएआर-सीसीआरआई की वार्षिक रिपोर्ट 2015-16 (हिंदी), टीएमसी वार्षिक रिपोर्ट (2015-16), नींबू वर्गीय फसलों में कीटों और रोगों की निगरानी पर जेबी डेयरी और किसान अनुकूल मार्गदर्शनों पर आधारित नींबू वर्गीय फलों में प्रणाली संबंधित बीमारियों के प्रबंधन पर कृषि विस्तार फ़ोल्डर जैसे प्रकाशनों को जारी किया गया। प्रकाशन विमोचन का कार्यक्रम नागपुर में स्थित भाकृअनुप संस्थान (सीसीआरआई, एनबीएसएस एंड एलयूपी, सीआईसीआर और जीटीसी) एनबीएसएस एंड एलयूपी, नागपुर की स्टॉफ बैठक के दौरान किया गया।
(स्रोतः भाकृअनुप – केन्द्रीय नींबू वर्गीय अनुसंधान संस्थान, नागपुर)
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