भोपाल, 6 अगस्त, 2016
कृषि विज्ञान केन्द्रों के एसएमएस और कृषि विस्तार अधिकारियों के लिए ‘वर्तमान कृषि अभियांत्रिकी प्रौद्योगिकी’ पर सात दिवसीय 2-6 अगस्त, 2016 तक कार्यशाला का उद्घाटन केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई) में किया गया। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश से 6, राजस्थान से 3, उत्तर प्रदेश से 9, पंजाब से 2, छत्तीसगढ़ से 7, त्रिपुरा से 3, हिमाचल प्रदेश से 2 और हरियाणा के एक अधिकारी ने भाग लिया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय कृषि में तकनीक को विकसित करने और हाल ही में विकसित अभियांत्रिकी प्रौद्योगिकियों के प्रोत्साहन हेतु कृषि विस्तार अधिकारियों को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इस अवसर पर डॉ. के.के. सिंह (निदेशक, सीआईएई भोपाल) ने अपने संबोधन में कृषि विस्तार अधिकारियों से किसानों की आय बढ़ाने के लिए सीआईएई द्वारा विकसित उत्पादन एवं उत्पादन उपरांत कृषि अभियांत्रिकी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के साथ ही सीआईएई को अनुसंधान योग्य मुद्दों एवं तकनीकों की अनुपलब्धता पर प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया।
समापन कार्यक्रम में श्री राजीव चौधरी (निदेशक, कृषि अभियांत्रिकी, मध्य प्रदेश), मुख्य अतिथि ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बढ़ी हुई कृषि उत्पादकता एवं विकास दर पिछले दशकों के दौरान कृषि यांत्रिकी में 174 प्रतिशत की बढ़त का परिणाम है। इसी वजह से लगातार तीसरे वर्ष प्रदेश को ‘राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार’ प्राप्त हुआ है।
(स्रोतः भाकृअनुप – सीआईएई, भोपाल)
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