भाकृअनुप - भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान (आईआईएफएसआर), मोदीपुरम और भाकृअनुप - भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से ‘समन्वित खेती प्रणाली में एआईसीआरपी के आईएफएस मॉडल में कार्बन पृथकीकरण और ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन मापन’ विषय पर दो दिवसीय (2-4 अगस्त, 2016) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
डॉ. ब्रह्मा प्रकाश, निदेशक, आईसीएआर- सीआईआरसी, मेरठ ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि कृषि के क्षेत्र में उभरते विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए इस तरह के प्रशिक्षण आवश्यक मानव संसाधन के विकास में आवश्यक है।
डॉ. देवेंद्र कुमार, संयुक्त निदेशक आईसीएआरआई- सीपीआरएस, मोदीपुरम ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी स्थानों पर एक समान कार्यप्रणाली लागू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
डॉ. ए.एस. पंवार, निदेशक, आईसीएआर- आईआईएफएसआर ने आश्वासन दिया है कि सभी आईएफएस मॉडल स्टेशनों में कार्बन के पृथकीकरण एवं जीएचजी के मापन के लिए विशेष कार्यक्रम विकसित किए जायेंगे तथा इस दिशा में यह पहला कदम है।
डॉ. एस. के. चौधरी, एडीजी (एसडब्ल्यूएम), ने समापन समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर कहा कि एआईसीआरपी वैज्ञानिकों के कौशल विकास के लिए लघु अवधि प्रशिक्षण आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि आईएफएस जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही इस प्रकार के प्रशिक्षण आईएफएस के विभिन्न मॉडल में कार्बन पृथकीकरण दर एवं जीएचजी उत्सर्जन दिशा में बढ़त दिलाता है।
आईसीएआर मुख्यालय एवं संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
23 राज्यों के आईएफएस पर एआईसीआरपी केन्द्रों के 25 मुख्य, 6 उप एवं 5 स्वैच्छिक केन्द्रों से 46 प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।
(स्रोतः एआईसीआरपी-आईएफएस, आईसीएआर - आईआईएफएसआर, मोदीपुरम)
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram