सीआईएफआरआई के इलाहाबाद क्षेत्रीय केन्द्र द्वारा गंगा की मात्स्यिकी पर क्षमता विकास कार्यक्रम का आयोजन

सीआईएफआरआई के इलाहाबाद क्षेत्रीय केन्द्र द्वारा गंगा की मात्स्यिकी पर क्षमता विकास कार्यक्रम का आयोजन

भाकृअनुप – केन्‍द्रीय अंतर्स्‍थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्‍थान के इलाहाबाद क्षेत्रीय केन्‍द्र द्वारा ‘गंगा नदी की मात्स्यिकी के संरक्षण एवं संवर्धन के उपाय’ विषय पर मछुआरों के लिए एक क्षमता विकास कार्यशाला व जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 31 मार्च, 2015 को उत्‍तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले के विंध्‍याचल में गोपालपुर गांव में किया गया। गोपालपुर, गंगा नदी के तट पर बसा मछुआरों का एक गांव है। गांव की कुल 1600 जनसंख्‍या में लगभग 40 प्रतिशत पुरूष नदी में मछली पकड़ने का कार्य करते हैं । चूंकि गंगा नदी का विंध्‍याचल इलाका मत्‍स्‍य विविधता से समृद्ध है लेकिन यहां अनेक बाधाएं भी हैं जिनमें कुछ बेहद खतरनाक भी हैं। अत:  उत्‍तरदायी मात्स्यिकी, टिकाऊ रूप से मछली पकड़ने, हमला करने वाली प्रजातियों का दोहन तथा संरक्षण से जुड़े मुद्दों के बारे में मछुआरों और अन्‍य लाभान्वितों को शिक्षित करने के प्रयोजन से एक क्षमता विकास कार्यक्रम आयोजित करने की जरूरत महसूस की गई। इस कार्यक्रम को आयोजित करने का एक अन्‍य उद्देश्‍य सक्रिय मछुआरों के साथ परस्‍पर बातचीत करके नदी में मत्‍स्‍य अवतरण के परिदृश्‍य; इलाके में उपलब्‍ध मत्‍स्‍य विविधता; विदेशज प्रजातियों का हमला, यदि कोई है; पकड़ी गईं मछलियों का आकार; हिल्‍सा तथा अन्‍य दुर्लभ मछलियों की स्थिति तथा मछुआरों के सामाजिक-आर्थिक मुद्दों का आकलन करना था।

Allahabad Regional Centre of CIFRI organised

इस कार्यक्रम में 250 से भी अधिक मछुआरों ने भाग लिया जिनमें निकटवर्ती गांवों की मछुआरिनें, स्‍कूली बच्‍चे, तथा ग्राम पंचायत के सदस्‍य भी शामिल थे। इस अवसर पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें संस्‍थान के साथ-साथ क्षेत्रीय केन्‍द्र की विभिन्‍न गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया। केन्‍द्र के वैज्ञानिकों तथा स्टॉफ ने प्रतिभागियों को संस्‍थान की गतिविधियों की जानकारी दी। ग्रामीणों को रसोई,  अहाता तथा आसपास के क्षेत्रों की स्‍वच्‍छता, पॉलीथिन बैग का इस्‍तेमाल नहीं करने और सामान्‍य स्‍वच्‍छता के महत्‍व के बारे में जागरूक किया गया। 

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