23 अप्रैल, 2015, कोलकाता
आज यहां भाकृअनुप – जोनल परियोजना निदेशालय, जोन-2, कोलकाता द्वारा निक्रा (जलवायु अनुकूल कृषि पर राष्ट्रीय नवोन्मेष) के प्रौद्योगिकी प्रदर्शन संघटक पर जोनल कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस संघटक के तहत, प्रमाणित प्रौद्योगिकियों के समेकित पैकेज का प्रदर्शन प्रत्येक जिले के एक गांव में किया जाएगा ताकि उपलब्ध प्रौद्योगिकियों के आधार पर फसल तथा पशुधन उत्पादन प्रणालियों में इन्हें अपनाया जा सके और जलवायु विभिन्नता का न्यूनीकरण किया जा सके। वर्तमान में, इन गतिविधियों को देश के विभिन्न भागों में स्थित 100 कृषि विज्ञान केन्द्रों में चलाया जा रहा है।
प्रत्येक जिले के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र की टीम द्वारा गांव की जरूरतों के आधार पर जलवायु भिन्नता (सूखा/बाढ़/लू/पाला/चक्रवात) और राज्य कृषि विश्वविद्यालय के जोनल कृषि अनुसंधान केन्द्रों से उपलब्ध प्रौद्योगिकी विकल्पों पर विस्तृत कार्य किया गया।
जोन-2 के तहत 15 कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा किए गए कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई और वर्ष 2015-16 के लिए कार्रवाई योजना पर चर्चा की गई। इस जोन में दो और कृषि विज्ञान केन्द्रों को शामिल किया गया जिससे जोन के कृषि विज्ञान केन्द्रों की संख्या बढ़कर 17 हो गई। डॉ. ए.के. सिंह, जोनल परियोजना निदेशक, जोन-2, कोलकाता ने बताया कि इस कार्यशाला में बिहार, झारखण्ड तथा पश्चिम बंगाल स्थित 15 कृषि विज्ञान केन्द्रों के कार्यक्रम समन्वयक भाग ले रहे हैं। डॉ. वाई.जी. प्रसाद, प्रधान वैज्ञानिक और टीडीसी के प्रधान अन्वेषक; डॉ. जे.वी.एन.एस. प्रसाद, सह प्रधान अन्वेषक और जोनल परियोजना निदेशालय के वैज्ञानिकों ने भी इस कार्यशाला में भाग लिया।
(स्रोत : )
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram