1 जून, 2015, देहरादून
भाकृअनुप – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (IISWC), देहरादून द्वारा दिनांक 27 मई से 1 जून, 2015 की अवधि के दौरान ‘मृदा व जल संरक्षण तकनीकें’ विषय पर एक छ: दिवसीय प्रशिक्षण व अवसर दौरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें तमिलनाडु राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात 24 कृषि इंजीनियरों ने भाग लिया।
समापन सत्र के दौरान, डॉ. पी.के. मिश्रा, निदेशक, भाकृअनुप – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून ने समेकित जलसंभर प्रबंधन दृष्टिकोण को अपनाने का सुझाव दिया। इन्होंने कहा कि सभी संघटकों के बीच तालमेल और समेकन बनाये जाने की जरूरत है। डॉ. मिश्रा ने समेकित जलसंभर प्रबंधन के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने की वकालत करते हुए प्रतिभागियों को इस क्रियाविधि पर कहीं अधिक चिंतन करने की सलाह दी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय कार्य डॉ. चरण सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, मानव संसाधन विकास व सामाजिक विज्ञान संभाग, भाकृअनुप – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून ने किया। इंजीनियर आर. मुरूगेसन, टीम लीडर ने छ: दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयोजित करने में संस्थान के प्रयासों की सराहना की।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को मुख्य इंजीनियर, कृषि इंजीनियरिंग विभाग, चेन्नई, तमिलनाडु द्वारा प्रायोजित किया गया।
(स्रोत : भाकृअनुप – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (IISWC), देहरादून)
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram